नाबाद शतक लगाने के बाद भी टीम से बाहर हो गया था यह खिलाड़ी, लेकिन धोनी से नहीं पूछा
बंगाल में 'छोटे दादा' के नाम से मशहूर मनोज तिवारी ने शतक बनाने के बाद भी टीम से बाहर किए जाने के बारे में कहा कि उन्होंने कभी भी टीम से बाहर किए जाने के संबंध में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से सवाल नहीं किया.
New Delhi:
भारतीय टीम के लिए खेल चुके और बंगाल में 'छोटे दादा' के नाम से मशहूर मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने शतक बनाने के बाद भी टीम से बाहर किए जाने के बारे में खुलकर बात की. मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने फैनकोड एप पर दिए गए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने कभी भी टीम से बाहर किए जाने के संबंध में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) से सवाल नहीं किया. आपको बता दें कि साल 2008 से लेकर 2015 तक मनोज तिवारी ने केवल 12 वन डे मैच ही भारत के लिए खेले, उसके बाद उनका करियर खत्म हो गया. मनोज तिवारी ने दिसंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई में नाबाद 104 रन की पारी खेली थी, लेकिन शतक जमाने के बाद भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था. इस मैच के बाद जुलाई 2012 में मनोज तिवारी ने अपना अगला वन डे मैच खेला था, इसके बाद कुछ समय के लिए मनोज तिवारी को मौका मिला, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके और साल 2015 में उन्होंने अपना आखिरी वन डे मैच खेला था.
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मनोज तिवारी ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने देश के लिए 100 रन बनाने के बाद, मैन ऑफ द मैच लेने के बाद मैं अगले 14 मैचों तक अंतिम-11 में नहीं आऊंगा. लेकिन मैं इस बात का भी सम्मान करता हूं कि कप्तान, कोच और टीम प्रबंधन के भी अपने विचार होते हैं. एक खिलाड़ी के तौर पर हमें उनके फैसलों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उनकी अलग रणनीति हो. मनोज तिवारी ने साफ तौर पर कहा, मुझे उस समय मौका नहीं मिला या यूं कहें कि मुझमें माही के पास जाने की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि हम अपने सीनियरों का इतना सम्मान करते थे कि हम उनसे सवाल करने से बचते थे. इसलिए मैंने अभी तक उनसे सवाल नहीं किया.
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मनोज तिवारी ने आईपीएल में भी धोनी की कप्तानी में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स में खेला है. मनोज तिवारी ने कहा कि जब वे राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स में धोनी के साथ खेल रहे थे, तब उन्होंने कप्तान एमएस धोनी से यह सवाल पूछने के बारे में सोचा था, लेकिन वह आईपीएल के दबाव को देखकर रुक गए. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, मैंने सोचा था कि बाद में कभी पूछूंगा. मनोज ने हाल ही में अपनी कप्तानी में बंगाल को रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाया था, लेकिन वह टीम को खिताब नहीं दिला सके थे. मनोज तिवारी ने मुंबई के पृथ्वी शॉ और श्रेयस अय्यर को भविष्य का सितारा बताया है. उन्होंने कहा, श्रेयस अय्यर अगर कुछ मैचों में अच्छा नहीं भी करते हैं तो वह रहेंगे. उनके अलावा मैं पृथ्वी शॉ को देखता हूं, अगर वह शांत रहकर आगे बढ़ते हैं और अनुशासन में रहते हैं तो निश्चित तौर पर वह काफी आगे जाएंगे.
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मनोज तिवारी को इस बार के आईपीएल में भी किसी भी टीम ने नहीं खरीदा है. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 की नीलामी में किसी भी फ्रेंचाइजी ने मनोज तिवारी को नहीं खरीदा. मनोज हालांकि इस बात से निराश नहीं हैं. मनोज 50 लाख की बेस प्राइस के साथ नीलामी में आए थे लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी ने उनमें रुचि नहीं दिखाई. भारत के लिए 12 वनडे खेल चुके मनोज ने आईपीएल में 98 मैच खेले हैं. इस दौरान वह दिल्ली डेयरडेविल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स के लिए खेले. आईपीएल नीलामी में उनकी अनदेखी ने कई पूर्व खिलाड़ियों को हैरानी में डाल दिया था. लेकिन मनोज तिवारी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
(इनपुट आईएएनएस)
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