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Dattajirao Gaekwad : क्रिकेट जगत में शोक की लहर, भारत के सबसे उम्रदराज क्रिकेटर का हुआ निधन

Dattajirao Gaekwad Passed Away : क्रिकेट जगत में शोक की लहर, भारत के सबसे उम्रदराज क्रिकेटर का हुआ निधन

Updated on: 13 Feb 2024, 01:22 PM

नई दिल्ली:

Dattajirao Gaekwad Passed Away : मंगलवार को क्रिकेट के गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई, जब भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ का निधन हो गया. वह भारत के सबसे उम्रदराज क्रिकेट थे और 95 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है. दत्ता गायकवाड़ भारत के लिए सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले क्रिकेटर रहे. उनके निधन की खबर आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर क्रिकेटर्स व फैंस संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं. 

Dattajirao Gaekwad का करियर

दत्ताजीराव गायकवाड़ ने भारत के लिए 11 टेस्ट खेले और उनमें से 4 में कप्तानी की. एक टेस्ट करियर जो 9 साल तक चला. भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान ने जून 1952 में इंग्लैंड में डेब्यू किया था, उन्होंने दीपक शोधन के निधन के बाद 2016 के मध्य में भारत के सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेट का गौरव अर्जित किया, जब वह 87 वर्ष के थे.

दत्ताजी ने टेस्ट करियर में 11 मैचों में 350 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है.  उन्होंने 1959 में इंग्लैंड में एक सीरीज के दौरान 4 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की. दौरे पर 1000 से अधिक रन बनाने के बावजूद, दत्ताजीराव उस फॉर्म को टेस्ट सीरीज में बदल नहीं कर पाए. बहरहाल, 1947 से 1964 तक 17 साल के घरेलू करियर में, दत्ताजीराव गायकवाड़ बड़ौदा के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बहुत रन बनाने वाले खिलाड़ी थे.

दत्ताजीराव ने 110 मैचों में 5788 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 23 अर्द्धशतक शामिल थे. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका हाईएस्ट स्कोर नाबाद 249 रन था. आपको बता दें, दत्ताजीराव गायकवाड़ भारत के पूर्व क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ के पिता थे, जिन्होंने 1975 और 1987 के बीच भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 एकदिवसीय मैच खेले.

इरफान पठान ने दी श्रृद्धांजलि

इरफान पठान ने दत्ताजीराव गायकवाड़ के निधन पर श्रृद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है. इसमें उन्होंने बड़ौदा क्रिकेट में उनके योगदान को याद किया. 

मोतीबाग क्रिकेट मैदान में बरगद के पेड़ की छाया में अपनी नीली मारुति कार से भारतीय कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ सर ने अपने कठिन परिश्रम से बड़ौदा क्रिकेट के लिए युवा प्रतिभाओं की खोज की और हमारी टीम के फ्यूचर को शेप दिया. हमें उनकी कमी महसूस होगी. क्रिकेट समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है.