Varanasi Stadium: देश की जरूरत है नया स्टेडियम? जानें तमाम बड़े सवालों का सीधा जवाब...
क्यों जरूरी है वाराणसी में बन रहा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम? सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस सवाल का जवाब यहां है...
नई दिल्ली:
त्रिशूल.. डमरू और बेलपत्र... वाराणसी में बन रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दिखेगी महादेव की झलक. दरअसल बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में देश के 54वें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी है. 30 एकड़ जमीन पर पसरा ये आलिशान स्टेडियम करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है. इस अद्भुत स्टेडियम के भव्य शिलान्यास में पीएम मोदी के साथ-साथ, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, सुनील गावस्कर सहित देश के तमाम बड़े दिग्गज भी नजर आएं...
हालांकि देश के इस 54वें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की शिलारोपण की खबर ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर तमाम राजनीतिक गुटों को सक्रिय कर दिया है. मसलन 450 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस स्टेडियम को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इनमें सबसे बड़ा सवाल है कि, जब देश में पहले ही 53वें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मौजूद हैं, तो फिर इतने बड़े खर्च से तैयार हो रहे इस नए स्टेडियम की आखिर क्या जरूरत है?
इसलिए हम इस आर्टिकल में न सिर्फ इस सवाल का जवाब जानेंगे, बल्कि इस अद्भुत स्टेडियम की तमाम जरूरतों और इससे जुड़े तमाम तरह की खासियतों पर भी गौर करेंगे. साथ इसपर उठ रहे कई राजनीतिक सवालों का भी खंडन करेंगे...
तो पहले बता दें कि... ये हकीकत है कि देश में पहले से ही 53 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मौजूद हैं, जहां अलग-अलग वक्त में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन हो चुका है. मगर फिलहाल की स्थिति ऐसी है कि, इनमें से कुछ स्टेडियम अब बंद हो चुके हैं. वहीं कुछ स्टेडियम में अभी मरम्मत का काम चल रहा है, लिहाजा ये उपयोग के लायक नहीं है. इसी वजह से देश को एक नए और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की दरकार थी.
इसलिए ये स्टेडियम है सबसे अलग...
बता दें कि देश का ये 54वां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कई मायनों में बेहद खास और बहुत अलग होगा. क्योंकि इसे महादेव की नगरी काशी में तैयार किया जा रहा है, इसलिए इसमें काशी की झलक देखने को मिलेगी. खुद पीएम मोदी ने इस स्टेडियम की बनावट को महादेव को समर्पित बताया था.
इस स्टेडियम में कई ऐसे नजारे होंगे, जो काशी का प्रतिबिंब होंगे. जहां इस स्टेडियम की छत का आकार चांद के समान होगा, वहीं इसमें लगने वाली लाइटों के खंभे त्रिशूल के आकार के होंगे. साथ ही स्टेडियम में भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले बेलपत्र की आकृति भी नजर आएगी. सबसे आकर्षक बनावट स्टेडियम में पवेलियन के मीडिया सेंटर की होगी, जिसे डमरू के आकार में तैयार किया जाएगा.
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