Uttarakhand Tunnel Rescue: 1 या 2 नहीं... मजदूरों को बचाने के ये हैं 6 प्लान
Uttarakhand Tunnel Rescue में अभी कुछ दिन या सप्ताह और लगेंगे, क्योंकि बचावकर्मी अब अलग-अलग विकल्प तलाश रहे हैं. यहां है छह प्लान, जिसपर मजदूरों को बचाने का काम किया जा रहा है.
नई दिल्ली:
सिलक्यारा टनल में अभी भी 41 जिंदगियां कैद है... अमेरिका निर्मित ऑगर मशीन के खराब होने के बाद रविवार को वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो चुका है. बीते 15 दिनों से चल रहे इस बचाव अभियान में अब भारतीय सेना भी शामिल हो गई है. फिलहाल बचावकर्ताओं के पास छह प्लान हैं, जिनके इस्तेमाल से सुरंग में कैद इन 41 मजदूरों की जिंदगियां बचाई जानी है. National Disaster Management Authority के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) के मुताबिक, टनल में फंसे मजदूर अभी ठीक हैं. उनकी स्वास्थ्य स्थिति बेहतर है, समयानुसार उन्हें भोजन और दवा मिल रही है. संचार लाइनों के माध्यम से वो लगातार अपने रिश्तेदारों से संपर्क कर पा रहे हैं. इस समय बचाव दल अन्य सभी एजेंसियों के साथ मिलकर मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने का विकल्प तलाश रहे हैं.
क्या हैं ये छह प्लान?
Plan A: ऑगर मशीन के जमीन में धंसे हिस्सों को निकालने के बाद की जाएगी हॉरिजॉन्टल मैनुअल ड्रिलिंग
प्लान ए के तहत, ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्सों को निकालने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग की जाएगी. बता दें कि टनल में फंसे मजदूर के रेसक्यू के दौरान ये ऑगर मशीन फंस गई थी और उसका ब्लेड निकल गया था, जिसके लिए अब भारतीय वायु सेना और इंडिगो चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए ब्लेड को काटने के लिए आवश्यक उपकरण लाए जा रहे हैं. उम्मीद है कि आज रात तक ब्लेड के टूटे हुए हिस्से जमीन से निकाल लिए जाएंगे. इसके बाद 15 मीटर तक मैन्युअल खुदाई शुरू होगी. ड्रिलिंग खत्म होने के बाद, पहले 800 मिमी का पाइप लगाई जाएगी, अगर इससे काम नहीं होता, तो फिर 700 मिमी का पाइप का इस्तेमाल किया जाएगा. गौरतलब है कि, एनडीएमए के सदस्य का कहना है कि ये योजना सभी योजनाओं में सबसे बेस्ट है.
Plan B: वर्टिकल ड्रिलिंग
वर्टिकल ड्रिलिंग की योजना बी पहले ही शुरू हो चुकी है और 86 मीटर के लक्ष्य में से 15 मीटर पूरा हो चुका है. यह कार्य सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा किया जा रहा है. अगर यह सफल रहा तो मजदूरों को एक-एक कर बकेट से उठाया जाएगा. विशेषज्ञ इसे दूसरा सबसे बेहतरीन विकल्प करार दे रहे हैं.
Plan C: साइडवेज ड्रिलिंग
बचावकर्मियों की तीसरी योजना किनारे पर ड्रिलिंग करने की है, लेकिन इस पर काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि इसके लिए आवश्यक उपकरण साइट पर नहीं पहुंचे हैं.
Plan D: ओएनजीसी द्वारा बरकोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग
दरअसल फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सिलक्यारा टनल में रविवार से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो गई है. अब बचावकर्ता सुरंग के दूसरी ओर भी ऐसा करने की योजना तैयार कर रहे हैं. बरकोट के किनारे कुल 24 इंच की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है, जिसके लिए बीआरओ द्वारा 5 किमी लंबी सड़क बनाई जा रही है.
Plan E: बरकोट की तरफ ब्लास्टिंग
एनडीएमए सदस्य ने बताया कि रविवार सुबह सुरंग के बरकोट की तरफ ब्लास्टिंग की गई है, जिससे 10-12 मीटर का क्षेत्र पेनिट्रेट हो गया है.
Plan F: ड्रिफ्ट टेक्नोलॉजी
लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि 6वीं योजना में ड्रिफ्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें सुरंग के किनारों को खत्म कर दिया जाएगा. सेना के इंजीनियर इसकी देखभाल करेंगे.
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