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सांप के जहर में वैज्ञानिकों ने ढूंढी संजीवनी, आम लोगों के लिए बनाया 'सुपर ग्लू'

कनाडा के वेस्टर्न यूनिवर्सिटी (Western University) के वैज्ञानिकों सहित एक वैज्ञानिकों के ग्रुप ने एक ऐसा ‘सुपर ग्लू’ (Super Glue) तैयार किया है, जो इंसानों के टिशू से चिपक जाता है. इस ग्लू के जरिए शरीर के किसी हिस्से से लगातार बह रहे खून को सेकेंड्स

Updated on: 25 Jul 2021, 02:49 PM

highlights

  • लगातार बह रहे खून को बस कुछ ही सेकेंड्स में रोक देता है ये 'सुपर ग्लू'
  • दक्षिण अमेरिका के लेंसहेड सांपों के जहर से बनता है ये ग्लू 

कनाडा:

कनाडा (Canada) के वेस्टर्न यूनिवर्सिटी (Western University) के वैज्ञानिकों सहित एक वैज्ञानिकों के ग्रुप ने एक ऐसा 'सुपर ग्लू' (Super Glue) तैयार किया है, जो इंसानों के टिशू से चिपक जाता है. इस ग्लू के जरिए शरीर के किसी हिस्से से लगातार बह रहे खून को बस कुछ ही सेकेंड्स के अंदर अंदर रोका जा सकता है. इसे इस तरह से समझिए कि, अगर इस ग्लू को शरीर के कटे हुए हिस्से पर लगाया जाए तो यह उस हिस्से से चिपक कर बहते हुए खून को रोक देगा. बता दें कि, इस सुपर ग्लू को ब्लड क्लॉटिंग एंजाइम रेप्टिलेज (Blood Clotting Enzyme Reptilase) या बैट्रोक्सोबिन (Batroxobin) के जरिए तैयार किया गया है. बैट्रोक्सोबिन खतरनाक लेंसहेड सांपों (Lancehead Snakes) के जहर में मिलता है.

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जानकारी के मुताबिक, वेस्टर्न यूनिवर्सिटी (Western University) में इंजीनियरिंग के प्रोफेसर (engineering professor)और स्टडी के सह-लेखक (study co-author) किब्रेट मेक्वानिंट ने जानकारी देते हुए यह बताया था कि, ट्रॉमा, चोट या आपातकालीन स्थिति में खून के बहने के दौरान इस सुपर ग्लू को ट्यूब से निकालकर चोट पर लगाया जा सकता है. इसके बाद कुछ सेकेंड तक इस पर लेजर पाइंटर जैसी रोशनी को दिखाना होगा. यहां तक कि स्मार्टफोन की फ्लैशलाइट भी इसके लिए काफी है. इस तरह ये ग्लू चोट से चिपक जाएगा और खून को बहने से रोक देगा. दक्षिण अमेरिका (South America) में लेंसहेड सांपों (lenshead snakes) को सबसे जहरीला सांप माना जाता है. ये मूल रूप से महाद्वीप के उत्तरी हिस्से में मिलते हैं.

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फाइब्रिन ग्लू से ज्यादा तेजी से चिपकता है सुपर ग्लू
अपनी व्यस्क अवस्था में लेंसहेड सांप 30 और 50 इंच की लंबाई तक लंबे हो सकते हैं. ये आमतौर पर कॉफी और केले के पौधे में छिपकर अपना शिकार ढूंढ़ते हैं. ये सांप एक बार में 124 मिलीग्राम तक जहर पैदा कर सकते हैं. हालांकि, कई बार ये 342 मिलीग्राम तक जहर भी इकट्ठा कर लेते हैं. न्यू सीलेंट के क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि ये फाइब्रिन गोंद की चिपकने की ताकत से 10 गुना अधिक है. फाइब्रिन गोंद को सर्जनों द्वारा गोल्ड स्टैंडर्ड का माना जाता है. फाइब्रिन गोंद जहां 90 सेकेंड में घाव को बंद करती है, वहीं ये सुपर ग्लू मात्र 45 सेकेंड में उसे बंद कर देता है.

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बिना टांका लगाए ग्लू से करें घाव बंद का 
हेमोस्टेटिक एडहेसिव (HAD) के बिना, ब्लड क्लॉटिंग औसतन पांच से छह मिनट के बाद होती है. इस दौरान इंसान का बहुत सा खून बह जाता है और इससे उसकी मौत होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में 'सुपर ग्लू' का इस्तेमाल घाव को बिना टांका लगाए बंद करने के लिए किया जा सकता है. बता दें कि, इस ग्लू का इस्तेमाल त्वचा में गहरी चोट, फटी हुई महाधमनी (aorta) और गंभीर रूप से घायल लीवर जैसी स्थितियों में किया गया है. इन सभी को प्रमुख ब्लीडिंग स्थितियां माना जाता है, जिसमें जान जाने का खतरा अधिक होता है. इस ग्लू का इस्तेमाल युद्ध के मैदान और कार दुर्घटना के पीड़ितों पर भी किया जा सकता है.