NASA के वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा- चांद पर दिनभर मौजूद रहता है...!
चांद पर जीवन को लेकर मानव मन में हमेशा तरह-तरह की जिज्ञासाएं बनी रहती हैं, दुनियाभर के वैज्ञानिक भी चांद से जुड़े रहस्यों से सुलझाने में जुटे हैं
नई दिल्ली:
चांद पर जीवन को लेकर मानव मन में हमेशा तरह-तरह की जिज्ञासाएं बनी रहती हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक भी चांद से जुड़े रहस्यों से सुलझाने में जुटे हैं. इस बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया कि चांद पर गड्ढों यानी क्रेटर्स में दिन में भी बर्फीला पानी मिल सकता है.वैज्ञानिकों ने इसकी वजह परछाइयों के कारण अंधेरे वाले भागों में चांद की सतह पर ठंडक का बना रहना बताया है. इसका मतलब यह है कि क्रेटर का वह हिस्सा जहां कभी सूरज की रोशनी नहीं पहुंची, वहां पर पानी के होने की संभावना है. ऐसी ही स्थिति बड़े पत्थरों के पीछे बनने वाली छाया के साथ भी है.
यह भी पढ़ें : 5 अगस्त को याद रखेगा देश, पहले 370 हटी-मंदिर निर्माण शुरू हुआ और अब मिला मेडल: PM मोदी
चांद की सतह पर रात में बर्फीले पानी की पतली लेयर
हालांकि नासा के वैज्ञानिक पहले मानते थे कि चांद की सतह पर रात में बर्फीले पानी की पतली लेयर बनती होगी, जो दिन निकले के साथ सूरज की रोशनी में गायब हो जाती है. नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के साइंटिस्ट जॉर्न डेविडसन के अनुसार लगभग दस साल पहले ISRO के चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) स्पेसक्राफ्ट ने चांद के उस हिस्से पर पानी होने के संकेत दिए थे, जहां दिन रहता है. इसरो के इन संकेतों को नासा के स्ट्रेटोस्फियरिक ऑब्जरवेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) ने भी पुख्ता भी किया था. जॉर्न डेविडसन ने जानकारी देते हुए बताया कि कई अंतरिक्षयानों ने चांद की सतह पर पानी होने के संकेत और सबूत दिए हैं, जिनमें से चंद्रयान-1 भी एक है. क्योंकि चांद के विपरीत पर्यावरण में पानी की मौजूदगी होना लगभग असंभव है. यही वजह है कि हम लगातार यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि चांद पर पानी कहां और कैसे मिल सकता है. इस बीच सामने आया है कि चांद पर बर्फीला पानी जमा हो सकता है और वह हवाविहीन वस्तुओं पर टिका रह सकता है. ऐसी जगहों में वो क्रेटर हैं, जहां कभी सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है और पत्थरों की परछाइयों वाली जगह शामिल हैं.
यह भी पढ़ें : ओडिशा के मुख्यमंत्री ने भारतीय हॉकी टीम को ओलंपिक कांस्य पदक की बधाई दी
चांद पर मौजूद परछाइयों में पानी होने के संकेत
वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है SOFIA की पकड़ में यह बात आई है कि गर्मी के बावजूद भी चांद पर मौजूद परछाइयों में पानी होने के संकेत मिले हैं. ऐसा चांद की पूरी सतह पर भी हो सकता है. केवल दोपहर के समय सूरज के सिर पर आ जाने से पानी की मात्रा में कमी पाई जा सकती है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग