NASA ने मंगल ग्रह पर पहला मिनी हेलीकॉप्टर लॉन्च किया
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने मंगल ग्रह (Mars) पर भेजे गए पर्सिवियरेंस रोवर (Perseverance Mars Rover) के साथ इंजिन्यूटी नाम का एक छोटा हेलिकॉप्टर भेजा था. इससे पहले इसके 11 अप्रैल को ऐतिहासिक उड़ान भरने की संभावना जताई गई थी.
highlights
- मिनी हेलीकॉप्टर ने अपनी उड़ान भारतीय समयानुसार दोपहर लगभग 3:45 बजे शुरू की
- नासा मुख्यालय में डेटा भारतीय समय के अनुसार दोपहर बाद लगभग 4.25 बजे प्राप्त किया गया
वाशिंगटन :
मानव जाति के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने मंगल ग्रह (Mars) पर अपने इंजिन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) की पहली संचालित, नियंत्रित उड़ान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. मिनी हेलीकॉप्टर ने अपनी उड़ान भारतीय समयानुसार दोपहर लगभग 3:45 बजे शुरू की और नासा मुख्यालय में डेटा भारतीय समय के अनुसार दोपहर बाद लगभग 4.25 बजे प्राप्त किया गया. लगभग 20 से 30 सेकंड तक हवा में मंडराते हुए इस छोटे हेलिकॉप्टर ने ग्राउंड से कुछ फीट की दूरी से उड़ान भरते हुए लैंडिंग की. इस उपलब्धि के बाद, टीम अब अतिरिक्त दूरी और अधिक ऊंचाई की अतिरिक्त प्रयोगात्मक उड़ानों का प्रयास करेगी. हेलीकॉप्टर द्वारा अपने प्रौद्योगिकी प्रदर्शन को पूरा करने के बाद, पर्सिवियरेंस रोवर अपने वैज्ञानिक मिशन को जारी रखेगा.
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11 अप्रैल को जताई गई थी ऐतिहासिक उड़ान भरने की संभावना
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर भेजे गए पर्सिवियरेंस रोवर के साथ इंजिन्यूटी नाम का एक छोटा हेलिकॉप्टर भेजा था. इससे पहले इसके 11 अप्रैल को ऐतिहासिक उड़ान भरने की संभावना जताई गई थी. हालांकि इससे पहले इसके 8 अप्रैल को लॉन्च किए जाने की उम्मीद जताई गई थी, मगर कुछ तकनीकी कारणों की वजह से इसकी लॉन्चिंग में कई बार देरी हुई. लॉन्चिंग में देरी के बारे में इससे पहले कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) की ओर से घोषणा की गई थी. जेपीएल में मंगल हेलिकॉप्टर के चीफ इंजीनियर बॉब बालाराम ने कहा कि छह साल पहले शुरू हुई इस यात्रा के बाद से हर कदम विमान के इतिहास में अपरिवर्तित रहा है.
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मिनी हेलीकॉप्टर ने नासा के दृढ़ता रोवर के पेट से जुड़े होने के दौरान मंगल पर उड़ान भरी, जिसने 18 फरवरी को लाल ग्रह पर स्पर्श किया. 11 अप्रैल की मूल उड़ान की निर्धारित तारीख कई बार स्थानांतरित की गई थी, क्योंकि इंजीनियरों ने प्रीफ्लाइट चेक और कमांड अनुक्रम मुद्दे के समाधान पर काम किया है. मंगल पर नियंत्रित तरीके से उड़ान भरना पृथ्वी पर उड़ान भरने से कहीं अधिक कठिन है. नासा की ओर से धरती के बाहर दूसरे ग्रह पर किसी हेलिकॉप्टर की यह पहली उड़ान है. यही वजह है कि इसे ऐतिहासिक उड़ान माना जा रहा है. हेलिकॉप्टर की मदद से मंगल ग्रह के अनछुए पहलुओं का पता लगाया जाएगा. नासा ने इससे पहले इसकी तस्वीर भी जारी की थी. -इनपुट आईएएनएस
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