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डेटा लीक मामला: फेसबुक ने यूजर्स की प्रिवेसी की सुरक्षा के लिए किया नया ऐलान

डेटा लीक मामले के बाद अब फेसबुक ने यूजर्स को अपनी सूचनाओं को और अधीक सुरक्षित करने के लिए प्रिवेसी सेटिंग टूल में सुधार करने का वादा किया है।

Updated on: 28 Mar 2018, 08:09 PM

नई दिल्ली:

डेटा लीक मामले के बाद अब फेसबुक ने यूजर्स को अपनी सूचनाओं को और अधीक सुरक्षित करने के लिए प्रिवेसी सेटिंग टूल में सुधार करने का वादा किया है।

सेटिंग में सुधारों के बाद यूजर फेसबुक द्वारा स्टोर किए गए अपने पर्सनल डेटा को आसानी से सर्च, डाउनलोड और डिलीट कर सकेंगे।

फेसबुक के चीफ प्रिवेसी ऑफिसर एरिन इगन और डेप्युटी जनरल काउंसल ऐशली बेरिंगर ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, 'हमें स्पष्ट जानकारी मिली है कि प्रिवेसी सेटिंग्स और कुछ दूसरे महत्वपूर्ण टूल्स को खोजने में बहुत दिक्कत होती है, लिहाजा लोगों को सूचना देने के लिए और ज्यादा कुछ करना चाहिए।'

ब्लॉग में आगे लिखा है, 'आने वाले हफ्तों में हम कुछ अतिरिक्त कदम उठाने जा रहे हैं ताकि लोगों का अपनी प्रिवेसी पर और ज्यादा नियंत्रण हो।'

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दरअसल कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एक फर्म ने फेसबुक के करोड़ो यूजर्स के डाटा के साथ छेड़छाड़ की थी। फर्म ने इसका इस्तेमाल 2016 अमेरिकी प्रेसिडेंट इलेक्शन को प्रभावित करने के लिए किया था। इसके बाद बाद फेसबुक को दो दिनों में करीब 6 लाख करोड़ के नुकसान का सामना करना पड़ा था। यूजर्स की नाराजगी का सामना कर रहे फेसबुक के शेयर 9 फीसदी तक गिर गए थे।

फेसबुक ने इसके लिए माफी मांगी थी । फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सफाई दी थी। उन्होंने कहा कि यूजर्स के डेटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। अगर वह डेटा सुरक्षित नहीं रख पाते हैं तो वह सेवाएं देने के लायक नहीं है।

उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'मैं कैंब्रिज एनालिटिका की स्थिति में एक अपडेट साझा करना चाहता हूं - इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने के लिए हमने मह्त्वपूर्ण कदम उठाये है। हमारे पास आपके डेटा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है, और अगर हम ऐसा नहीं कर सकते हैं तो हम आपकी सेवा के लायक नहीं हैं।'

क्या है कैंब्रिज एनालिटिका

कैंब्रिज एनालिटिका एक निजी कंपनी है, जो डेटा माइनिंग और डेटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे लंदन की ये कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है।

क्या है मामला ?

एक ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के आरोपों के बाद फेसबुक भारी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व ब्रेक्सिट प्रचार अभियान भी शामिल हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटिश सांसदों की मांग है कि सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक को व्यक्तिगत डेटा का बड़े स्तर पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग होने के खुलासे के बाद डेटा सेंधमारी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। ब्रिटिश सांसदों ने जुकरबर्ग को पहले की सुनवाई में समिति को गुमराह करने के बाद मौखिक गवाही देने के लिए बुलाया है।

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