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Vat Savitri Vrat 2022 Dos and Donts: 'वट सावित्री व्रत' में इन बातों को नजरअंदाज करना ला सकता है पति को मौत के करीब

Vat Savitri Vrat 2022: आज यानी कि 30 मई 2022, दिन सोमवार को ये व्रत रखा जा रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं इस व्रत के दौरान किन बातों को नजरअंदाज करना आपके पति की जान पर बढ़ा सकता है खतरा.

Updated on: 30 May 2022, 03:46 PM

नई दिल्ली :

Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री व्रत पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. आज यानी कि 30 मई 2022, दिन सोमवार को ये व्रत रखा जा रहा है. आज के दिन सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2022) और शनि जयंती (Shani Jayanti 2022) भी है. वट सावित्री व्रत के दिन सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से उपवास रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं.  ऐसे में चलिए जानते हैं इस व्रत के दौरान किन बातों को नजरअंदाज करना आपके पति की जान पर बढ़ा सकता है खतरा. 

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वट सावित्री व्रत 2022
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 29 मई, रविवार, दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का समापन: 30 मई, सोमवार, शाम 04 बजकर 59 मिनट पर

वट सावित्री व्रत में क्या करें
1. वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए सामग्री की व्यवस्था पहले ही कर लें, तो अच्छा रहेगा. व्रत वाले दिन परेशानी नहीं होगी.

2. व्रत के लिए सुहागन महिलाएं स्वयं के श्रृंगार या सुहाग की सामग्री खरीद लें क्योंकि यह व्रत अखंड सुहाग के लिए ही रखा जाता है. व्रत वाले दिन इनका उपयोग करें.

3. वट सावित्री व्रत में भीगे हुए चने खाकर ही पारण करते हैं. पारण के समय 11 भीगे चने बिना चबाए खाने होते हैं.

4. इस दिन आपको वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करनी है और उसमें 7 बार कच्चा सूत लेपटना होता है. वट वृक्ष की कम से कम 7 बार और अधिक से अधिक 108 बार परिक्रमा करते हैं.

5. व्रती को पूजा के समय वट सावित्री व्रत कथा पढ़नी चाहिए या सुननी चाहिए. कथा सुनने से व्रत का महत्व पता चलता है.

6. अपने कपड़े और श्रृंगार की वस्तुओं में लाल रंग का उपयोग करना चाहिए. लाल रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है. 

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वट सावित्री व्रत में क्या न करें
1. इस दिन आपको काले, सफेद या नीले रंग की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए. इनको नकारात्मकता का प्रतीक मानते हैं.

2. काले, सफेद या नीले रंग की साड़ी भी न पहनें. इस दिन इन रंग की वस्तुओं के उपयोग से भी बचें तो अच्छा है.

3. यह व्रत सुहाग के लिए रख रही हैं, तो इस दिन संयमित व्यवहार करें. जीवनसाथी के साथ वाद विवाद से बचें.

4. इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए. मन में किसी के प्रति घृणा, द्वेष आदि न रखें.