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Jal Mandir : विश्व प्रसिद्ध हैं बिहार के ये मंदिर, सदियों पुराना है इनका इतिहास

Jal Mandir: बिहार के जल मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं. इनके इतिहास की बात करें तो वैदिक काल से इनके बारे में पढ़ने को मिलता है. लेकिन आप अगर अब तक यहां नहीं गए तो जाने से पहले यहां की खासियत जान लें.

Updated on: 19 Mar 2024, 04:24 PM

नई दिल्ली :

Jal Mandir: बिहार में स्थित जल मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक ऐतिहासिक धारा का महत्वपूर्ण हिस्सा है. बिहार के जल मंदिरों का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है, जब यहां के जलों को धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व दिया जाता था. इन मंदिरों का निर्माण अनेक राजा और सम्राटों द्वारा किया गया, जो अपने शासनकाल में इन्हें पुनर्निर्माण करवाते थे और उन्हें समृद्धि और शांति का प्रतीक मानते थे. ये मंदिर अक्सर प्राकृतिक झीलों, नदियों, या तालाबों के किनारे बनाए जाते हैं और शांतिपूर्ण और आत्मा को शुद्ध करने वाले स्थलों के रूप में प्रसिद्ध होते हैं. इन मंदिरों में भगवान के प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, जिन्हें भक्तों द्वारा पूजा जाता है. बिहार के जल मंदिरों की विशेषता यह है कि ये धार्मिक और पर्यटन के दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. यहां के जल मंदिर पर्यटकों को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव के लिए आकर्षित करते हैं, साथ ही उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेने का अवसर देते हैं.

बिहार में दो जल मंदिर हैं:

पावापुरी में जल मंदिर: यह भगवान महावीर को समर्पित एक जैन मंदिर है, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं. यह मंदिर बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी शहर में स्थित है. यह मंदिर एक तालाब के बीच में स्थित है, जिसके कारण इसे जल मंदिर कहा जाता है. जल मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था. यह मंदिर कई बार जीर्णोद्धार और नवीनीकरण का विषय रहा है. मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान महावीर की मूर्ति स्थापित है. जल मंदिर जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है. यह मंदिर भगवान महावीर के निर्वाण स्थल के रूप में जाना जाता है.

राजगीर में जल मंदिर: यह भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. यह मंदिर बिहार के नालंदा जिले के राजगीर शहर में स्थित है. यह मंदिर सात गर्म झरनों के बीच में स्थित है, जिसके कारण इसे जल मंदिर कहा जाता है. जल मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में किया गया था. यह मंदिर कई बार जीर्णोद्धार और नवीनीकरण का विषय रहा है. मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है. यह मंदिर पत्थर से बना है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है. जल मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. यह मंदिर सात गर्म झरनों के लिए जाना जाता है, जिनका हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है.

दोनों मंदिर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं. मंदिरों में प्रवेश करने के लिए उचित कपड़े पहनें. प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतार दें. फोटोग्राफी की अनुमति है या नहीं, यह जान लें. मंदिरों में दान करने के लिए कुछ पैसे साथ रखें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)