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Parshuram Jayanti 2023: जानें कब है परशुराम जयंती, यहां है पूरी जानकारी

दिनांक 22 अप्रैल दिन शनिवार को परशुराम जयंती मनाई जाएगी.

Updated on: 20 Apr 2023, 05:44 PM

highlights

  • कब है परशुराम जयंती 
  • इस विधि से करें भगवान परशुराम की पूजा 
  • जानें क्या है पूजा मुहूर्त 

नई दिल्ली :

Parshuram Jayanti 2023: दिनांक 22 अप्रैल दिन शनिवार को परशुराम जयंती मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान परशुराम ने ब्राह्मणों ऋषियों पर होने वाले अत्याचार का अंत किया था. इस दिन जो व्यक्ति भगवान परशुराम की पूजा करता है, उसे भगवान परशुराम के साथ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. वहीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम को राम जामदग्नाय, राम भार्गव और वीरराम भी कहा जाता है. हिंदू आस्था की मानें तो भगवान परशुराम अभी भी पृथ्वी पर रहते हैं. इसलिए, राम और कृष्ण के विपरीत परशुराम की पूजा नहीं की जाती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में परशुराम जयंती पर उनकी पूजा कैसे करें, शुभ मुहूर्त क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे. 

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इस विधि से करें भगवान परशुराम की पूजा 
1. इस दिन सुबह जल्दी स्नान करें. 
2. साफ और स्वच्छ कपड़े पहनकर गंगाजल से मंदिर को शुद्ध करें. 
3. उसके बाद चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान परशुराम और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. 
4. भगवान को फूल, चावल और अन्य चीजें अर्पित करें. 
5. भगवान को भोग लगाएं और दीप जलाकर आरती करें. 

जानें पूजा का शुभ मुहूर्त 
दिनांक 22 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से लेख अगले दिन दिनांक 23 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. 

इस दिन करें इन मंत्रों का जाप 
1. ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
2. ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नोपरशुराम: प्रचोदयात्।।'

भगवान परशुराम की करें आरती 

शौर्य तेज बल-बुद्घि धाम की॥

रेणुकासुत जमदग्नि के नंदन।

कौशलेश पूजित भृगु चंदन॥

अज अनंत प्रभु पूर्णकाम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥1॥

नारायण अवतार सुहावन।

प्रगट भए महि भार उतारन॥

क्रोध कुंज भव भय विराम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥2॥

परशु चाप शर कर में राजे।

ब्रम्हसूत्र गल माल विराजे॥

मंगलमय शुभ छबि ललाम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥3॥

जननी प्रिय पितु आज्ञाकारी।

दुष्ट दलन संतन हितकारी॥

ज्ञान पुंज जग कृत प्रणाम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥4॥

परशुराम वल्लभ यश गावे।

श्रद्घायुत प्रभु पद शिर नावे॥

छहहिं चरण रति अष्ट याम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥5॥