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Mangalvar Vrat, Puja Vidhi, Aarti: मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से मिलता है अभय होने का वरदान, निर्भीक व्यक्तित्व के बन जाते हैं स्वामी

आज हम आपको मंगलवार के व्रत और हनुमान जी की पूजा विधि व आरती के बारे में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं.

Updated on: 21 Feb 2022, 04:21 PM

नई दिल्ली :

सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा के लिए विशेष दिन निर्धारित किए गए हैं. भगवान हनुमान की पूजा उपासना के लिए मंगलवार का दिन उत्तम माना गया है. मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त मंगलवार के दिन विधिवत रूप से भगवान हनुमान की पूजा करता है उसके सभी कष्ट दूर होते हैं. भगवान हनुमान की उपासना करने से जीवन में हर कदम पर सफलता मिलती है. भगवान हनुमान की पूजा करने से शत्रु परास्त होते हैं तथा किसी भी तरह का भय नहीं रहता है. इस दिन पवित्रता और निश्छल मन से व्रत करने से भक्तों को अभय होने का वरदान और निर्भीक व्यक्तित्व मिलता है. इसके साथ ही, व्यक्ति के अंदर ऐसा आत्मविश्वास जागृत होता जो उससे सफलता की ऊचाइयों तक पहुंचाने में मदद करता है. मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से जीवन मंगलमय हो जाता है. इसी कारण से बल, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए लोग मंगलवार को हनुमान जी का व्रत रखते हैं. ऐसे में आज हम आपको मंगलवार के व्रत और हनुमान जी की पूजा विधि व आरती के बारे में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं. 

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मंगलवार व्रत पूजा विधि
अगर आप मंगलवार का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन ब्रह्माचार्य का पालन करें. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और लाल रंग का वस्त्र पहनें. इसके बाद भगवान हनुमान को स्मरण करके व्रत करने का संकल्प लें. अब हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्हें लाल सिंदूर, लाल कपड़े और लाल फूल अर्पित करें. ज्योत जलाने के बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें. व्रत कथा जरूर पढ़ें और आरती करके पूजा संपन्न करें. 

मंगलवार व्रत कथा
एक नगर में एक ब्राह्मण दंपति रहा करता था जिनकी कोई संतान नहीं थी. संतान ना होने की वजह से वह काफी परेशान रहते थे. लेकिन ब्राह्मण और उसकी पत्नी हर मंगलवार को भगवान हनुमान की पूजा करते थे और हनुमान जी से पुत्र की कामना करते थे. एक दिन ब्राह्मणी भगवान हनुमान के लिए भोजन तैयार नहीं कर पाई जिस वजह से वह काफी उदास हो गई. उसने यह संकल्प लिया कि अब वह अगले मंगलवार को भगवान हनुमान को भोग लगाने के बाद ही भोजन ग्रहण करेगी. ऐसे में वह 6 दिन तक अन्न से दूर रही और मंगलवार के दिन बेहोश हो कर नीचे गिर गई. 

ब्राह्मणी की सच्ची श्रद्धा देखकर भगवान हनुमान काफी प्रसन्न हुए और उसे पुत्र का वरदान दिए. भगवान हनुमान से पुत्र का वरदान पाकर ब्राह्मणी बहुत खुश हुई. जब उसे पुत्र की प्राप्ति हुई तब उसने उसका नाम मंगल रख दिया. एक दिन जब ब्राह्मण घर वापस आया तब बालक को देखकर वह काफी हैरान हो गया और उसने ब्राह्मणी से उस बालक के बारे में पूछा. ब्राह्मणी ने बताया कि भगवान हनुमान ने प्रसन्न होकर उसे यह बालक दिया है. ब्राह्मण को ब्राह्मणी पर विश्वास नहीं हुआ और उसने एक दिन बालक को कुएं में गिरा दिया.

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मंगलवार व्रत महत्व 
मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार का व्रत रखने से कुंडली में मौजूद ग्रह शांत होते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इन ग्रहों की असीम कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती है. जो भक्त भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करता है उसके सभी संकट दूर होते हैं. भूत-प्रेत और काली शक्तियों के प्रभाव से भगवान हनुमान अपने भक्तों को सुरक्षित रखते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार का व्रत रखने से पुरुषार्थ, साहस और सम्मान बढ़ता है.

मंगलवार हनुमान जी की आरती
आरती कीजे हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपे, रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनी पुत्र महा बलदाई, संतन के प्रभु सदा सहाई।
दे वीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाई।
लंका सी कोट समुद्र सी खाई, जात पवन सुत बार न लाई।
लंका जारि असुर सब मारे, राजा राम के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित परे धरनि पे, आनि संजीवन प्राण उबारे।
पैठि पाताल तोरि यम कारे, अहिरावन की भुजा उखारे।
बाएं भुजा सब असुर संहारे, दाहिनी भुजा सब सन्त उबारे।
आरती करत सकल सुर नर नारी, जय जय जय हनुमान उचारी।
कंचन थार कपूर की बाती, आरती करत अंजनी माई।
जो हनुमानजी की आरती गावै, बसि बैकुण्ठ अमर फल पावै।
लंका विध्वंस किसो रघुराई, तुलसीदस स्वामी कीर्ति गाई।