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Jyotish Shastra: स्टील, चांदी और पीतल का जीवन पर ज्योतिषीय प्रभाव

Jyotish Shastra: ज्योतिष शास्त्र में धातुओं का बहुत महत्व है. माना जाता है कि धातुएं ग्रहों की ऊर्जा को ग्रहण करती हैं और उन्हें पहनने से व्यक्ति को लाभ मिल सकता है.

Updated on: 01 Apr 2024, 02:04 PM

नई दिल्ली:

Jyotish Shastra: ज्योतिष में, धातुओं का ग्रहों और नक्षत्रों से संबंध माना जाता है. इन धातुओं को धारण करने से व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में, धातुओं का विशेष महत्व है और इनका जीवन पर प्रभाव माना जाता है. ज्योतिष में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू और केतु नवग्रहों को महत्वपूर्ण माना जाता है और इनके ग्रहण, गोचर आदि का प्रभाव माना गया है. इन धातुओं को व्यक्ति की कुंडली में स्थिति और उनकी स्थिति के आधार पर उनका प्रभाव माना जाता है. इन धातुओं को पहनने या इनका उपयोग करने के माध्यम से लोग अपने जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य, सुख, शांति आदि की प्राप्ति की कोशिश करते हैं. विभिन्न धातुओं के विशेष गुणों के कारण, व्यक्ति को अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की संभावना होती है. ज्योतिष में उन्हें किसी विशेष ग्रह के साथ जोड़कर किस प्रकार की प्रभाव देते हैं, और उनका उपयोग किस-किस विषय में किया जाता है. धातुओं का यह ज्योतिषीय संबंध मुख्य रूप से वैदिक ज्योतिष में पाया जाता है और विभिन्न प्रकार के उपायों में उपयोग किया जाता है. 

स्टील: स्टील मंगल ग्रह से संबंधित माना जाता है. यह साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है. यह रक्तचाप और हृदय रोगों को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है. 

नकारात्मक प्रभाव: स्टील क्रोध और आक्रामकता को भी बढ़ा सकता है.

चांदी: चांदी चंद्रमा से संबंधित मानी जाती है. यह मन को शांत करने, भावनाओं को नियंत्रित करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकता है. 

नकारात्मक प्रभाव: चांदी अस्थिरता और अनिर्णय को भी बढ़ा सकता है.

पीतल: पीतल बृहस्पति ग्रह से संबंधित माना जाता है. यह ज्ञान, शिक्षा और समृद्धि को बढ़ाने में मदद करता है. यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. 

नकारात्मक प्रभाव: पीतल लालच और अहंकार को भी बढ़ा सकता है.

धातुओं का प्रभाव व्यक्ति की जन्मकुंडली और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है. किसी भी धातु को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है. धातुओं को धारण करने के साथ-साथ अन्य उपाय भी करना महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि पूजा, मंत्र जाप और दान.

स्टील में चुंबकीय गुण होते हैं, जो शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं. चांदी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं. पीतल में तांबे की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है. स्टील, चांदी और पीतल का जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं. धातुओं को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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