Geeta Jayanti 2021: भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था ये उपदेश जो है बहुत ही विशेष
आज 14 दिसंबर यानि की गीता जयंती (Geeta jayanti) है. हिंदू कल्चर में वैसे तो बहुत से ग्रंथों और पुराणों का जिक्र किया जाता है लेकिन, उन सभी ग्रंथों में एक अकेला गीता ही ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है जो कि आज है.
नई दिल्ली:
आज 14 दिसंबर यानि की गीता जयंती (Geeta jayanti) है. हिंदू कल्चर में वैसे तो बहुत से ग्रंथों और पुराणों का जिक्र किया जाता है लेकिन, उन सभी ग्रंथों में एक अकेला गीता ही ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है जो कि आज है. इसका मुख्य कारण ये है कि बाकी सभी ग्रंथों को लोगों द्वारा खुद ही संकलित किया गया था. जबकि गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें साक्षात नारायण के अवतार भगवान श्री कृष्ण के मुख से उपदेश निकले थे. इसी वजह से इसे महाग्रंथ का दर्जा दिया जाता है. हर साल मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की माक्षदा एकादशी की तिथि पर गीता जयंती का त्योहार मनाया जाता है. इसी तिथि पर श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता (geeta jayanti 2021) का उपदेश दिया था.
गीता जयंती (Geeta Mahotsav 2021) के दिन गीता के उपदेशों को पढ़ना, सुनना और बताए गए रास्ते पर चलना बहुत ही शुभ माना जाता है. गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है. ये एक ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती हर साल मनाई जाती है. गीता को श्रीमद्भगवत गीता और गीतोपनिषद के नाम से जाना जाता है. गीता को पढ़ने से जीवन में सफलता पाई जा सकती है. इसमें लिखे उपदेशों पर चलने से लोगों को मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में सही फैसले लेने की क्षमता का विकास होता है. गीता के उपदेशों में जीवन को जीने की कला और कर्म सब कुछ आता है. गीता जयंती के अवसर पर गीता के कुछ उपदेशों के बारे में जानते है.
इस संसार में सारे जीव भगवान के ही अंश है.
भगवान को जानने के लिए एकमात्र साधन भक्ति है.
ज्ञान को प्राप्त करने के लिए विनम्रता आवश्यक है.
आत्मा न तो जन्म लेती है और न ही मरती है.
काम, क्रोध तथा लोभ ये तीन नरक के द्वार हैं.
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