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Chanakya Niti: सच्चे मित्र के महत्व के बारे में जानें क्या कहते है आचार्य चाणक्य

Chanakya Niti: चाणक्य नीति हमें सिखाती है कि सच्चा मित्र वही होता है जो हर परिस्थिति में आपका साथ देता है, आपकी इज्जत करता है और आपकी भलाई चाहता है.

Updated on: 24 Apr 2024, 04:56 PM

नई दिल्ली:

Chanakya Niti: चाणक्य नीति, जीवन के कई पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करने वाली नीतिशास्त्र का एक प्राचीन ग्रंथ है. इसमें सच्चे मित्र के महत्व पर भी बहुत जोर दिया गया है. उन्होंने कहा है कि सच्चा मित्र वह है जो आपकी कमियों को देखकर भी आपकी प्रशंसा करता है. सच्चा मित्र वह है जो आपके दुःख में आपके आंसू पोंछता है और आपके सुख में आपके साथ खुशी मनाता है. सच्चा मित्र वह है जो आपके जीवन में आकर उसे समृद्ध बनाता है और आपके जाने पर उसे खाली छोड़ जाता है. 

चाणक्य के अनुसार, सच्चा मित्र वह होता है-

जो मुसीबत में साथ दे, सच्चा मित्र केवल सुख के समय में ही नहीं, बल्कि दुःख और मुसीबत के समय भी आपके साथ खड़ा रहता है.

जो ईमानदार और सच्चा हो वो सच्चा मित्र होता है. सच्चा मित्र हमेशा सच बोलता है, चाहे वह कितना भी कड़वा क्यों न हो.

जो आपकी आलोचना करने से न डरे, आपकी गलतियों को बताने और आपको सुधारने में मदद करने से नहीं डरता वो आपका सच्चा मित्र होता है. 

जो आपके प्रति ईर्ष्यालु न हो और आपकी सफलता से खुश होता है, आपकी प्रगति के लिए ईर्ष्यालु नहीं होता वही मित्र आपका सच्चा मित्र है.

जो हमेशा आपके लिए मौजूद रहे चाहे वो कितना भी व्यस्त क्यों न हो वही आपका सच्चा मित्र होता है. 

चाणक्य ने कुछ ऐसे भी गुणों का बारे में भी बताया है तो सच्चे मित्र में नहीं होने चाहिए-

ईर्ष्यालु: जो आपकी सफलता से ईर्ष्या करता है और आपकी प्रगति में बाधा डालता है.

स्वार्थी: जो केवल अपने बारे में सोचता है और आपकी परवाह नहीं करता.

झूठा: जो आपसे झूठ बोलता है और आपकी पीठ पीछे आपकी बुराई करता है.

अविश्वसनीय: जो आपकी बातों पर विश्वास नहीं करता और आपकी गोपनीयता भंग करता है.

अकृतज्ञ: जो आपके उपकारों को भूल जाता है और आपके प्रति कृतज्ञता नहीं दिखाता.

चाणक्य का मानना था कि सच्चा मित्र जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है. सच्चे मित्र हमें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करते हैं, हमें प्रेरित करते हैं और हमें मुश्किल समय से निकलने में मदद करते हैं. इसलिए, हमें अपने जीवन में सच्चे मित्रों को ढूंढने और उनका सम्मान करने का प्रयास करना चाहिए. चाणक्य नीति के ये उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि वे सदियों पहले थे. सच्चे मित्र जीवन की सबसे अनमोल संपत्ति हैं और हमें उनके लिए आभारी होना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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