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Chanakya Niti: अच्छा राजनेता बनना है तो चाणक्य की ये 10 बातें गांठ बांध लें

Chanakya Niti: चाणक्य, भारतीय इतिहास के विख्यात विचारक और राजनीतिज्ञ थे. उनका असली नाम विष्णुगुप्त था, और वे मगध साम्राज्य के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्री और राजगुरु थे. चाणक्य को आज भारतीय राजनीति और विचारधारा के प्रेरणास्त्रोत माना जाता है.

Updated on: 31 Jan 2024, 08:30 AM

नई दिल्ली :

Chanakya Niti: चाणक्य, भारतीय इतिहास के विख्यात विचारक और राजनीतिज्ञ थे. उनका असली नाम विष्णुगुप्त था, और वे मगध साम्राज्य के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्री और राजगुरु थे. चाणक्य को आज भारतीय राजनीति और विचारधारा के प्रेरणास्त्रोत माना जाता है. उनके नाम से मशहूर चाणक्य नीति और अर्थशास्त्र के ग्रंथों में उनके दर्शन और सिद्धांतों को व्यक्त किया गया है. चाणक्य ने राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक क्षेत्र में अपनी बहुमुखी दक्षता और विज्ञान के माध्यम से भारतीय समाज को संगठित किया और विकसित किया. उनकी नीतियों में विवेक, दक्षता, और समय पर नियमन के महत्व को जोर दिया गया है. चाणक्य का योगदान भारतीय समाज के विकास और प्रगति में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है और उनके द्वारा दी गई नीतियां आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं. चाणक्य का जन्म भारत के विशाल राज्य मगध में हुआ था, और उनका कार्यकाल 4वीं सदी ईसा पूर्व से 3वीं सदी ईसा पूर्व के बीच माना जाता है. उनका योगदान भारतीय इतिहास में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है. चाणक्य का विचार और विचारधारा आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और उनकी कृतियों में उनकी गहरी ज्ञानवर्धक बातें दर्शाई गई हैं.

चाणक्य के अनुसार, असली राजनेता वह होता है जो नीतिशास्त्र का अच्छा ज्ञान रखता है, न्यायपूर्वक कार्य करता है, और अपने लोगों के हित में काम करता है. वह व्यक्ति जो नीति, बुद्धिमत्ता, और विवेक के साथ देश और समाज के उन्नति के लिए काम करता है, वही असली राजनेता होता है. उन्होंने राजनीति को धर्म, नीति, और समझदारी के साथ चलाने की महत्ता को समझाया। उन्होंने राजनीतिक शक्ति का उपयोग समाज के हित में करने का समर्थन किया और समाज की समृद्धि और सुरक्षा के लिए काम किया. चाणक्य के अनुसार, एक असली राजनेता वह होता है जो देश और जनता के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है और व्यक्तिगत लाभ की परवाह नहीं करता.

चाणक्य के अनुसार अच्छे राजनेता की पहचान

नीतिशास्त्र का ज्ञान: अच्छे राजनेता को नीतिशास्त्र का अच्छा ज्ञान होना चाहिए.

धर्मपरायणता: वह धर्मपरायण होना चाहिए और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए.

समाजहित: राजनेता को समाजहित में विश्वास होना चाहिए और समाज के हित में काम करना चाहिए.

प्रजासेवा: अच्छे राजनेता को प्रजासेवा में निरंतर लगाव दिखाना चाहिए.

न्यायप्रियता: वह न्यायप्रिय और ईमानदार होना चाहिए.

बुद्धिमत्ता: राजनेता को बुद्धिमत्ता और विवेक के साथ कार्य करना चाहिए.

समझदारी: वह समझदार और परिचित निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए.

धीरज: राजनेता को परिश्रम, साहस, और धीरज से काम करना चाहिए.

साहस: वह साहसी होना चाहिए और समय के साथ बदलते परिस्थितियों का सामना करना चाहिए.

संवेदनशीलता: राजनेता को प्रजा के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और उनकी समस्याओं का हल ढूंढने में सहायता करना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)