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Maa Shailputri Aarti Lyrics: आज इस तरह करें मां शैलपुत्री की आरती, हर मनोकामना होगी पूरी

Maa Shailputri Aarti Lyrics: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा और आरती का विशेष महत्व होता है. मां शैलपुत्री देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं और नवरात्रि के दौरान उनकी पूजा करने से भक्तों को आशीर्वाद, शक्ति और समृद्धि प्राप्त होती है.

Updated on: 09 Apr 2024, 11:41 AM

नई दिल्ली :

Maa Shailputri Aarti Lyrics: मां शैलपुत्री की आरती का महत्व बहुत उच्च है. यह आरती मां शैलपुत्री की पूजा में अर्चना और समर्पण का एक अहम तरीका है. इस आरती के द्वारा भक्त अपने मन, वचन, और कर्म से मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा, आरती का पाठ करने से मानव जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है. यह आरती भक्तों को मां शैलपुत्री की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होती है.

मां शैलपुत्री की आरती 

शैलपुत्री मां बैल असवार. करें देवता जय जयकार.
शिव शंकर की प्रिय भवानी. तेरी महिमा किसी ने ना जानी

पार्वती तू उमा कहलावे. जो तुझे सिमरे सो सुख पावे. 
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू. दया करे धनवान करे तू. 

सोमवार को शिव संग प्यारी. आरती तेरी जिसने उतारी. 
उसकी सगरी आस पुजा दो. सगरे दुख तकलीफ मिला दो. 

घी का सुंदर दीप जला के. गोला गरी का भोग लगा के. 
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं. प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं. 

जय गिरिराज किशोरी अंबे. शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे.  
मनोकामना पूर्ण कर दो. भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो.  


मां शैलपुत्री की आरती करने के लाभ

आध्यात्मिक लाभ: मां शैलपुत्री की आरती करने से मन को शांति और सुख प्राप्त होता है. आरती करने से भक्ति भावना में वृद्धि होती है और मां के प्रति समर्पण भाव बढ़ता है. नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. मां शैलपुत्री की आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

भौतिक लाभ: मां शैलपुत्री भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करती हैं. आरती करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है. धन-समृद्धि की देवी हैं. आरती करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है. संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों को मां शैलपुत्री की आरती करने से लाभ होता है.

मां शैलपुत्री की आरती करने की विधि: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. मां शैलपुत्री की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित करें. फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. आरती की थाली में कपूर, घी, दीप आदि रखें. आरती का मंत्र गाते हुए आरती करें. आरती के बाद मां शैलपुत्री से प्रार्थना करें. 

मां शैलपुत्री की आरती का मंत्र:

जय जयकार शैलपुत्री माता, पर्वतराज की सुता.
वृषभ पर विराजमान, त्रिशूल धारिणी भवानी.

करो कृपा मां शैलपुत्री, सुख-समृद्धि देहु मोहि.
दुष्टों का नाश करो, भक्तों की रक्षा करो.

जय जयकार शैलपुत्री माता, पर्वतराज की सुता.

मां शैलपुत्री की आरती करने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि के पहले दिन है.  आप मां शैलपुत्री की आरती नियमित रूप से भी कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)