logo-image

Buddha Purnima 2023 : आज इन 6 मंत्रों के जाप से सभी देवता होंगे प्रसन्न, होगी धन वर्षा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि का बहुत ही खास महत्व है.

Updated on: 05 May 2023, 01:37 PM

नई दिल्ली :

Buddha Purnima 2023 : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि का बहुत ही खास महत्व है. क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु ने भगवान बुद्ध का अवतार लेकर पृथ्वी पर अवतरित हुए थे. जिससे आज के दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. पूर्णिमा तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है. इस दिन स्नान और दान करने का भी बहुत ही खास महत्व होता है. अब आज शुक्रवर का भी दिन है, जिससे आज का दिन मां लक्ष्मी को भी समर्पित है. पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्री हरि विष्णु, मां लक्ष्मी, चंद्र देव, भगवान शिव और भगवान श्री कृष्ण की अराधना करने का बहुत ही खास महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पड़ने वाली शुभ किरणें व्यक्ति के जीवन में खुशियां और बरकत लेकर आती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुछ मंत्रों के जाप करने के बारे में बताएंगे, जिससे आपके ऊपर सभी देवताओं का आशीर्वाद बना रहेगा और धन वर्षा भी होगी. 

ये भी पढ़ें - Chandra Grahan 2023 : जानें इस साल के पहले चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा या नहीं

आज करें इन मंत्रों का जाप 

1. पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी के इस मंत्र का करें जाप 
 ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

2. विष्णु मंत्र के इस मंत्र का करें जाप 
 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

3. पूर्णिमा पर भगवान शिव की इस मंत्र से पूजा करें, सभी दुख होंगे दूर 
इस मंत्र का जाप करने से दरिद्रता और और मृत्युभय से मुक्ति मिल जाती है. 
पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।
डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।। 

4.  गोपीकृष्ण मंत्र का करें जाप 
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री' 

5. इस दिन चंद्र देव की पूजा अवश्य करें और इस मंत्र का जाप करें 
ॐ चं चंद्रमस्यै नम: 
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।। 

6. भगवान कुबेर के इन मंत्रों का जाप 
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये 
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।