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Ashad Sankashti Chaturthi 2023: जानें कब है आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी, इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा

सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का अधिक महत्व माना जाता है.

Updated on: 05 Jun 2023, 05:15 PM

नई दिल्ली :

Ashad Sankashti Chaturthi 2023 : सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का अधिक महत्व माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन जो महिलाएं व्रत रखती हैं उनके पति और संतान की आयु लंबी होती है. संकष्टी चतुर्थी हर माह में पड़ता है, लेकिन आषाढ़ में आने वाला संकष्टी चतुर्थी आषाढ़  संकष्टी चतुर्थी कहलाता है. इस दिन अगर आप व्रत नहीं रख सकते हैं, तो आप फल खाकर भी भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि आषाढ़ माह में आने वाला संकष्टी चतुर्थी कब से शुरू हो रहा है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, किन मंत्रों का जाप करना शुभ होता है. 

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जानें कब से शुरू हो रहा है आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी 
हिंदू पंचांग के हिसाब से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का व्रत दिनांक 7 जून दिन बुधवार को रखा जाएगा. ऐसी मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा के दर्शन कर उनकी पूजा की जाती है और फिर व्रत का पारण किया जाता है. अब पंचांग में चंद्रोदय का समय रात 10 बजकर 50 मिनट पर दिया गया है और चतुर्थी दिनांक 07 जून को रात 09 बजकर 50 मिनट पर ही समाप्त हो रही है और इसके बाद पंचमी तिथि की शुरूआत हो रही है. जिससे असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है.

जानें संकष्टी चतुर्थी व्रत का पूजा विधि
- संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें. 
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर इस पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. 
- इसके बाद प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर धूप-दीप प्रज्वलित करें. 
- भगवान गणेश को दूर्वा, हार, अक्षत, लाल चंदन चढ़ाएं. 
- इस दिन संकष्टी व्रत की कथा अवश्य सुनें.
- चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को जल चढ़ाएं और पूजा करें और फिर व्रत का पारण अवश्य करें.