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Zero Shadow Day 2023: जानें क्या है जीरो शैडो डे का रहस्य, जब सूरज के रहते हुए गायब हो जाती है परछाई

जब हम धूप में होते हैं, तो स्वाभाविक सी बात है कि हमारी छाया या फिर परछाईं नजर आने लगती है.

Updated on: 25 Apr 2023, 01:23 PM

नई दिल्ली :

Zero Shadow Day 2023 : जब हम धूप में होते हैं, तो स्वाभाविक सी बात है कि हमारी छाया या फिर परछाई नजर आने लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि एक दिन ऐसा भी आता है, जब धूप तो होती है, मगर आपकी छाया नहीं दिखती है. जिसे 'जीरो शैडो डे' कहा जाता है. यह घटना सिर्फ साल में दो बार देखा जा सकता है. वहीं पृथ्वी पर अलग-अलग जगहों के लिए तारीखें भी अलग-अलग हैं. ये घटना तब होती है, जब सूरज का झुकाव भूमध्य रेखा से उत्तर या फिर दक्षिण के बराबर होता है. इस दिन सूर्य मध्याह्न रेखा को पार करता है, तब सूरज की किरणें जमीन पर किसी वस्तु के अपेक्षा बिल्कूल (Vertical) पड़ती है. ऐसी स्थिति में उस वस्तु की कोई छाया दिखाई नहीं देती है. बता दें यह घटना 12 बजकर 17 मिनट पर बैंगलुरु में हो चुका है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि बैंगलूरु से पहले किन जगहों पर ऐसा हो चुका है. 

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यह घटना साल में गो बार देखा जाता है
यह अनोखी घटना साल में दो बार देखने को मिलता है. दिनांक 21 जून से सूर्य दक्षिण की ओर जाता है और दिनांक 21 सितंबर को फिर से देखा जाएगा. इस तरह से पृथ्वी की 23.5 डिग्री  अक्षांस उत्तर और दक्षिण की बीच ही जीरो शैडो बनती है. लेकिन इस स्थिति के कारण मौसम पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है. यह दिन तब होता है, जब दोपहर को इस रेखा पर कोई छाया नहीं बनती है और पृथ्वी पर दिन और रात के बराबर होती है. इसे इक्यूनॉक्स भी कहा जाता है. यह घटना सिर्फ एक सेकंड के लिए होती है, लेकिन इसका प्रभाव डेढ़ मिनट तक देखा जा सकता है. 

वहीं जीरो शैडो डे की ये अद्भुत घटना साल 2021 में ओडिशा के भुवनेश्वर में अनुभव किया जा चुका है. इसके अलावा दिनांक 21 जून साल 2022 के दिन दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर उज्जैन में भी जीरो शैडो डे की घटना का अनुभव किया गया है.