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देश सेवा के लिए सेना में जाना... तो दौड़ कर तय की 50 घंटे में 350 किमी दूरी

सुरेश 29 मार्च को रात 9 बजे सीकर से दौड़ लगाई और 2 अप्रैल को दिल्ली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने हर दिन करीब 60 से 70 किलोमीटर तक दौड़े, इस दौरान न वह किसी गाड़ी पर बैठे और न ही किसी तरह कि मदद मांगी.

Updated on: 06 Apr 2022, 11:39 AM

highlights

  • सीकर से दिल्ली दौड़ लगाकर पहुंचे 24 वर्षीय सुरेश
  • 29 मार्च को दौड़ना शुरू किया और 2 अप्रैल को पहुंचे
  • कोविड के कारण दो साल से बंद हैं सेना में भर्तियां

नई दिल्ली:

देश की सेवा करने का जज्बा ऐसा सर चढ़ बोल रहा कि गांव-गांव युवकों ने भारतीय सेना में शामिल होने की ठान रखी है. राजस्थान के सीकर निवासी सुरेश भींचर भी भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते हैं, लेकिन भर्ती समय से न निकलने के कारण हताश हैं इसलिए उन्होंने अपने गांव से दिल्ली तक दौड़ लगा दी. राजस्थान के सीकर से दिल्ली दौड़ लगाकर पहुंचे 24 वर्षीय सुरेश ने अपने दिल में सेना के लिए प्रेम और देश की सेवा करने के जज्बे को बयां किया. उन्होंने इस दौरान अपनी मांगों को लेकर नेताओं से मुलाकात भी की और एक ज्ञापन भी सौंपा. सुरेश इससे पहले भी भर्ती के लिए कोशिश कर चुकें हैं, लेकिन उनको सफलता हाथ नहीं लग सकी. वह डिफेंस एकेडमी से ट्रेनिंग भी ले रहे हैं. उन्होंने 2018 में नागौर में हुई सेना भर्ती में 1600 मीटर की दौड़ को 4 मिनट 40 सेकेंड में पूरा कर रिकॉर्ड भी बना चुके हैं.

29 मार्च से शुरू दौड़ 2 अप्रैल को हुई खत्म
सुरेश 29 मार्च को रात 9 बजे सीकर से दौड़ लगाई और 2 अप्रैल को दिल्ली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने हर दिन करीब 60 से 70 किलोमीटर तक दौड़े, इस दौरान न वह किसी गाड़ी पर बैठे और न ही किसी तरह कि मदद मांगी. उनके साथ उनका हौसला बढ़ाने के लिए कुछ दोस्त भी उनके साथ पहुंचे हैं. सुरेश ने 3 अप्रैल को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर सेना की भर्ती को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा. सुरेश भींचर ने बताया कि मैं 29 मार्च से अपने घर से दिल्ली के लिए निकला था. करीब 350 किलोमीटर दौड़ लगाकर 2 अप्रैल शाम 6 बज पहुंचा हूं. मुझे भारतीय सेना में भर्ती होना है. मेरे पास कोई रोजगार नहीं है और मेरा जीवन का लक्ष्य ही सेना में भर्ती होना है.

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कोविड से सेना में भर्तियां भी रुकी
मेरे घर में आठ सदस्य है, इनमें पांच भाई और तीन बहने हैं. कोविड के कारण दो सालों तक भर्ती नहीं आ सकी. इस मसले को मैंने दिल्ली में सांसद हनुमान बेनीवाल जी के सामने उठाया है और उन्हें मैंने अपनी स्थिति के बारे में भी बताया और उन्होंने अश्वाशन दिया है कि मैं सेना की भर्ती के मुद्दे को लोकसभा में उठाऊंगा. सुरेश के मुताबिक उनके क्षेत्र के कई ऐसे युवा है जो सेना में भर्ती होना चाहते हैं, लेकिन उनकी उम्र निकली जा रही है. उनके पास कोई और रोजगार का अवसर भी नहीं है. दरअसल कोविड के कारण सेना की भर्ती निकलने में देरी हो रही है.