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Mystery of Kuldhara: रातों-रात उजड़ गया राजस्थान का ये गांव, आज भी रूहानी ताकतों का है साया

Mystery of Kuldhara: राजस्थान के जैसलमेर जिले का कुलधरा गांव पिछले 300 सालों से शापित है. इस गांव में रात के समय कोई नहीं जाता. पर ये गांव देशी-विदेशी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है और वे इसे देखने के लिए हजारों किलोमीटर दूर से आतें हैं...

Updated on: 14 Mar 2024, 06:42 PM

नई दिल्ली:

Mystery of Kuldhara: भूत-प्रेत, साया, पिशाच आदि की कहानियों में किसे रूचि नहीं होती. खासकर, भारत में जब भी कभी भाई-बहन मिलते हैं तो भूतिया घटनाओं पर चर्चा ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. देश में कई ऐतिहासिक स्थान हैं जिनका रहस्य आज तक अनसुलझा है. राजस्थान के जैसलमेर से करीब 17 किलोमिटर दूर कुलधरा का गांव भी एक ऐसा असामान्य गांव है जिसे जितना सुलझाने की कोशिश की जाए वह उतना ही उलझ जाता है. इस गांव में दूर-दूर तक किसी तरह की कोई आबादी नहीं है, है तो बस खंडहर, पसरा हुआ सन्नाटा और कोसों दूर में फैला रेगिस्तान.

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुलधरा का गांव हमेशा से विराना नहीं था. बात शुरू होती है 200 साल पहले से, जब यहां 500 से ज्यादा लोगों का बसेरा था. लोक कथा और मान्यताओं की माने तो इस गांव को पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था.

ऐसा क्या हुआ कि गांव बन गया खंडहर ?

पालीवाल ब्राह्मण सीधे-साधे लोग थे जो खेती-बाड़ी से अपना जीवन चलाते थे. गांव की रियासत का एक दीवान था जिसका नाम सालेम सिंह था. वो बड़ा ही अय्याश और मक्कार किस्म का व्यक्ति था जिसकी बुरी नजर गांव के प्रधान की खूबसूरत बेटी पर थी. उसने गांव वालों को धमकी दी कि अगर उन्होने लड़की को नहीं सौपी तो अंजाम बहुत बुरा हो सकता है. दीवान लड़की को पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था और उसने गांव वालों को पूर्णमासी की रात तक का समय दिया था.  

क्यों आज तक इस गांव में कोई नहीं बस पाया ?

सालेम सिंह के अत्याचार से परेशान होकर गांव में पंचायत बुलाई गयी और  रातोंरात पूरा गांव खाली करने का फैसला किया गया. लड़की के सम्मान के लिए गांव वाले एकजुट थे और किसी भी कीमत पर दीवान के फैसले को स्वीकार करने के लिए राजी नहीं थे. रातोंरात गांव खाली करके जा रहे ब्राह्मणों ने कुलधरा को श्राप दिया कि आज के बाद यहां कोई नहीं बस पाएगा.

इसके बाद कई लोगो ने यहां बसने की कोशिश भी की पर उन्हें किसी ना किसी अनहोनी का सामना करना पड़ा. ऐसा माना जाता है इस गांव में आज भी  रूहानी ताकतों का कब्जा है. रात में महिलाओं की चूड़ियों, पायलों की आवाजें और बच्चों के खेलने और पुकारने की आहटें सुनायी देती हैं. आज भी इस इलाके में 6 बजे के बाद कोई नहीं जाता.

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