जिंदा हूं मैं... जमीन हथियाने भूमाफिया ने साधु का बनवाया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट
कृष्णानंद का आरोप है कि स्थानीय भूमाफिया ने फिरोजोबाद नगर निगम के कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर बीते साल नवंबर में उनका डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवा लिया. भूमाफिया हुमांयूपुर इलाके में स्थित मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहता है.
highlights
- फिरोजाबाद नगर निगम ने जारी किया जिंदा शख्स का डेथ सर्टिफिकेट
- भूमाफिया ने जमीन कब्जाने कुछ लोगों के साथ मिलकर रची साजिश
- अब साधु कृष्णानंद खुद को जीवित साबित करने की लगा रहे हैं दौड़
फिरोजाबाद:
यह एक कानूनी प्रावधान है कि मृत व्यक्ति के नाम जमीन का स्वामित्व नहीं रह सकता है. इसका फायदा उठाकर भू-माफिया किसी जमीन को कब्जाने के लिए उसके मालिक को मृत घोषित करवा देते हैं और संबंधित शख्स खुद को जिंदा बताने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काटता रहता है. ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कागजों पर मृत शख्स को जिंदा साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. इस विषय पर एक हिंदी फिल्म भी बन चुकी है. हाल में ऐसा ही एक मामला 90 वर्षीय कृष्णानंद सरस्वती के रूप में सामने आया है. साधु कृष्णानंद स्वस्थ और जीवित हैं, लेकिन उन्हें यह जानकर गहरा सदमा लगा कि सरकारी कागजों पर वह मृतक बतौर दर्ज हैं. नतीजतन बीते छह माह से वह सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. सिर्फ यह सिद्ध करने के लिए कि वह मरे नहीं, बल्कि अभी भी जिंदा हैं.
छह महीने से जिंदा होने की गुहार लगा रहे हैं कृष्णानंद
कृष्णानंद का आरोप है कि स्थानीय भूमाफिया ने फिरोजोबाद नगर निगम के कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर बीते साल नवंबर में उनका डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवा लिया. भूमाफिया हुमांयूपुर इलाके में स्थित मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहता है, जिसकी देख-रेख का जिम्मा कृष्णानंद के पास है. इसके लिए ही उसने कृष्णानंद का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट तैयार कराया. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में 22 दुकानें हैं और साधु कृष्णानंद बीते चार दशकों से इसी मंदिर में रह रहे हैं. अब कृष्णानंद स्थानीय अधिकारियों के चक्कर काट अपने जिंदा होने का सबूत दे रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकारी कागजों पर उन्हें मृत ही दिखाया जा रहा है.
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शिकायत पर चल रही है गहराई से जांच
कृष्णानंद के मुताबिक सरकारी कागजों पर उनके मृत होने की जानकारी छह महीने पहले हुई. उनका आरोप है कि फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिये कुछ लोगों का इरादा मंदिर की जमीन कब्जाने का है. इसका पता चलते ही कृष्णानंद ने इस बाबत निगम आयुक्त को एक शिकायत दर्ज कराई है, जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है. हालांकि निगम आयुक्त घनश्याम मीणा कहते हैं कि निगम ने बीते साल फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी करने संबंधी उनकी शिकायत का संज्ञान ले लिया है. पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है. दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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