इंसानी खाल से बन रहे विलासिता के सामान: 22 लाख के जूते, पर्स की कीमत 11 लाख!
फैशन का दौर कहां तक जा पहुंचा है, आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते. आपने अभी तक जानवरों की खाल से बनीं चीजों या बालों से बनने वाले सामान के बारे में तो सुना होगा, लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो आपको हैरान कर देगा
highlights
- इंसानी खाल का विकासिता की चीजों में इस्तेमाल
- अतीत काल से होता रहा है इंसानी खाल का इस्तेमाल
- ब्लैक मार्केट में सामानों की कीमत काफी ज्यादा
New Delhi:
Human Skin Leather: फैशन का दौर कहां तक जा पहुंचा है, आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते. आपने अभी तक जानवरों की खाल से बनीं चीजों या बालों से बनने वाले सामान के बारे में तो सुना होगा, लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो आपको हैरान कर देगा. खबर यह है कि फैशन की दुनिया में अब आदमी की खाल यानी ह्यूमन स्किन से बने लेदर के उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं. इंटरनेंट की अंधेरी दुनिया जो डार्क वेब नाम से मशहूर है, उस पर ह्यूमन स्किन 827 रुपए प्रति इंच के हिसाब से बिक रही है.
22 लाख का जूता और 11 लाख का पर्स
ह्यूमन स्किन से बनी अन्य चीजों की बात करें तो जूतों की कीमत 22 लाख और पर्स 11 लाख रुपए में मिल रहा है. मानव खाल से बनी चीजों की खबर अचानक उस समय सुर्खियों आ गई जब 15 दिसंबर को न्यूयॉर्क में पेटा की एक मॉडल ने ह्यूमन स्किन जैसी ड्रेस पहनकर रैंप वॉक करने का ऐलान किया. दरअसल, यहां मॉडल का मैसेज जानवरों को क्रूरता से बचाना और चमड़े से बनी चीजों पर बैन लगाना था. हालांकि मानव खाल से बने उत्पाद यूं तो आपको मार्केट में नजर नहीं आएंगे, लेकिन डार्क वेब पर इनकी धड़ल्ले से खरीदा-बेचा जा रहा है.
क्या कहते हैं पशु क्रूरता के मामले-
-हर साल फैशन के लिए 100 करोड जानवरों की हत्या
-1000 किलो खाल की सफाई में 50 हजार लीटर पानी बर्बाद
-चमड़ा फैक्ट्री में 40 खतरनाक केमिकल्स मौजूद, कर्मचारियों के लिए खतरा
1954 से 1957 के बीच सामने आए थे केस
इंसानों की खाल से बने उत्पादों के केस पहली बार सामने नहीं आए हैं, इससे पहले 1954 से 1957 के बीच ये खबर खूब चर्चा में रही थी. उस समय अमेरिका में विस्कॉन्सिन का रहने वाला एक सीरियल किलर लोगों की हत्या कर उनकी खाल निकाल लेता था और उसको सुखाकर उनसे सोफा कवर जैसी चीजें बनाता था. उसके 7 महिलाओं का मर्डर कर उनकी खाल उतारी थी. वहीं, ब्रिटेन में humanleather.co.uk नामक एक वेबसाइट 'Real Human Leather' के नाम से कई उत्पाद पूरी दुनिया में बेचती रही है. हालांकि कुछ विवादों के चलते बाद में इस वेबसाइट को बंद करना पड़ा था.
अफ्रीका से हुई थी शुरुआत
ह्यूमन स्किन को लेकर एक मान्यता यह भी है कि सबसे पहले आदमी की खाल का इस्तेमाल अफ्रीका में शुरू हुआ था. वहां गुलामों की खाल निकालकर उसके जूते बनाए जाते थे. अमरिकी सिविल वॉर के समय में गुलामों की खाल से बने जूतों के उदाहरण सामने आए थे. अगर बात ह्यूमन स्किन से बनी लेदर ड्रेस की करें तो सीथियंस लोगों ने इनको पहनना शुरू किया था. करीब तीन हजार साल पहले इस कबायली समूहों को आदिम सीरियल किलर्स के नाम से भी जाना जाता था. बताया जाता है कि ये लोग अपने दुश्मनों को मारकर उनकी खाल निकाल लेते थे और उसकी ड्रेस बनाकर पहन लेते थे. ग्रीक इतिहासकर हेरोडोटस ने ढ़ाई हजार साल पहले ही लिख दिया था कि सीथियंस आदमी को मारकर उसकी खाल निकालकर पहन लेते थे.
ह्यूमन स्किन से किताबों की बाइडिंग
चर्चा तो यह भी है कि फ्रांसीसी क्रांति से समय 50 किताबों को बाइंडिंग इंसानों की खाल से की गई थी. इसको ‘एंथ्रोपोडर्मिक बिबलियोपेगी’ कहा जाता था. बताया जाता है ये दुकानें आज भी मौजूद हैं. इन किताबों को 19वीं सदी में प्रसिद्धी मिली थी.
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