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World Most Miserable Countries: दुनिया के सबसे दयनीय देशों में जिम्बाब्वे सबसे ऊपर, जानें भारत की रैंकिंग

क्या आप दुनिया के सबसे गरीब देश के बारे में जानते हैं. सबसे दयनीय देशों पर हुए एक सर्वे में इस देश का नाम सामने आया है. इस अफ्रीकी देश ने यूक्रेन, सीरिया और सूडान को पीछे छोड़ दिया है

Updated on: 24 May 2023, 10:30 PM

highlights

  • अफ्रीकी देश ने यूक्रेन, सीरिया और सूडान को पीछे छोड़ दिया
  • देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगरी इसका प्रमुख कारण है
  • सत्ताधारी पार्टी जानू-पीएफ और उसकी नीतियों इस हालात की जिम्मेदार

नई दिल्ली:

क्या आप दुनिया के सबसे गरीब देश के बारे में जानते हैं. सबसे दयनीय देशों पर हुए एक सर्वे में इस देश का नाम सामने आया है. इस अफ्रीकी देश ने यूक्रेन, सीरिया और सूडान को पीछे छोड़ दिया है. यहां के लोग आसमान छूती मुद्रास्फीति से त्रस्त हैं. यह बीते साल 243.8 प्रतिशत तक पहुंच गई. इसकी रैकिंग 157 पर है. आइए हम बताते हैं, इस देश नाम. इसका नाम है जिम्बाब्वे. मशहूर अर्थशास्त्री स्टीव हैंके के सालाना दयनीय सूचकांक (HAMI) में सबसे ऊपर जिम्बाब्वे का नाम सामने आया है. 

क्या है कारण 

स्टीव हैंके के अनुसार, देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगरी इसका प्रमुख कारण है. यहां की सत्ताधारी पार्टी जानू-पीएफ और उसकी नीतियों इस हालात की जिम्मेदार है. वेनेज़ुएला, सीरिया, लेबनान, सूडान, अर्जेंटीना, यमन, यूक्रेन, क्यूबा, ​​तुर्की, श्रीलंका, हैती, अंगोला, टोंगा और घाना सबसे दयनीय देशों में शीर्ष 15 में हैं. इसमें स्विट्जरलैंड का HAMI स्कोर सबसे नीचे था. इसका मतलब है कि यहां के नागरिक सबसे खुश हैं. दूसरे सबसे खुशहाल देशों में कुवैत, आयरलैंड, जापान, मलेशिया, ताइवान, नाइजर, थाईलैंड, टोगो और माल्टा का नाम आता है.

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फ़िनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश का दर्जा दिया गया

भारत इस सूची में 103वें स्थान पर है. इसका कारण यहां पर बेरोजगारी है. इस सूची में अमेरिका 134वें स्थान पर है. यहां पर भी बेरोजगारी मुख्य कारण है. फ़िनलैंड को वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में लगातार छह वर्षों से दुनिया का सबसे खुशहाल देश का दर्जा दिया गया है. वहीं दयनीय सूचकांक में ये 109वें स्थान पर था. द एनुअल मिसरी इंडेक्स को जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय में एप्लाइड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर स्टीव हैंके द्वारा तैयार किया गया है. यह सूचकांक बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और बैंक-उधार की दरों पर बनाया गया है.