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Hit and Run Law: नए कानून में 10 लाख रुपये के जुर्माने का जानें पूरा सच, भारतीय न्याय संहिता में क्या जोड़ा गया? 

Hit and Run Law: सरकार ने नई संहिता में धारा 106 में सब सेक्शन दो जोड़ा है, यह एक नया सेक्शन है जो इसके पहले भारतीय दंड संहिता में नहीं था.

Updated on: 03 Jan 2024, 05:59 AM

नई दिल्ली:

Hit and Run Law: सड़क दुर्घटना में लापरवाही से होने वाली मौतों के मामले में वाहन चालक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाना महज अफवाह की तरह है. सरकार इस मामले में नया सेक्शन जोड़ रही है. उसमें कही भी 10 लाख रुपए का उल्लेख बिल्कुल नहीं किया गया है. आज हम आपको बताते हैं कि नए कानून में आधिकारिक तौर पर क्या कहा है और ये बीते कानून से कितना अलग है? सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह ऑब्जरवेशन दिया था कि वाहन चालक जो लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर दुर्घटना को अंजाम देते हैं, जिसमें किसी की मौत हो जाती है. इसके बाद वे वहां से भाग निकलते हैं, ऐसे लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जरूरत है. इसे लेकर केंद्र सरकार ने फैसला लिया कि नई भारतीय न्याय संहिता में एक नया सेक्शन जोड़ा जाए.

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न्याय संहिता के नए कानून में क्या लिखा ?

पहले आप यह जान लें कि भारतीय न्याय संहिता के नए कानून में क्या लिखा है? नई संहिता में धारा 106 सब सेक्शन और सब सेक्शन दो बनाए गए हैं. धारा 106 सबसेक्शन एक के तहत अगर कोई उतावलापन या अपेक्षा पूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी शख्स की मृत्यु का कारण बनेगा जो अपराधिक मानव वध के दायरे में नहीं आता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 5 वर्ष तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा.

इस कानून की जगह जो पहले भारतीय दंड संहिता के तहत कानून था. 279 क्षेत्र के तहत जिसमें यदि किसी व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती थी और जो इस मृत्यु के लिए जिम्मेदार होता था. उस पर क्षेत्र 279 के साथ 304 ए भी जोड़ा जाता था. उसे क्षेत्र के तहत भी 2 साल से 7 साल तक की सजा का प्रावधान था. इसके साथ ही उसमें भी यह लिखा था कि जुर्माने के लिए वह उत्तरदायी होगा.

धारा 106 में सब सेक्शन दो जोड़ा

सरकार ने नई संहिता में धारा 106 में सब सेक्शन दो जोड़ा है, यह एक नया सेक्शन है जो इसके पहले भारतीय दंड संहिता में नहीं था. इस सेक्शन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई रैश ड्राइविंग करके  किसी शख्स की मौत कारण बनेगा जो अपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता है और घटना के तत्काल  बाद उसे पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट किए बिना छिपकर भागेगा. ऐसी अवधि में कारावास से जो 10 वर्ष तक का हो सकेगा दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा.

ऐसे में नए कानून में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि जो ड्राइवर होगा उसे 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा. जो नया कानून बनाया गया है उसमें और पुराने कानून में महज एक ही अंतर है. यह अंतर है सजा का यदि कोई व्यक्ति किसी शख्स को वाहन दुर्घटना में जान से मार कर भाग जाएगा और बाद में पकड़ा जाएगा तो उसे उसका अपराध साबित होने पर 10 वर्ष तक की सजा होगी. इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसमें कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि जुर्माने की दंड राश‍ि 10 लाख रुपये होगी.  यदि परिवार मोटर एक्सीडेंट क्लेम टर्मिनल के सामने जाता है तो वह अलग मामला होने वाला है. सरकार का स्पष्ट रूप से कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जरवेशन के बाद बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर इस कानून को और सख्त बनाया है.