logo-image

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के इतिहास में सबसे अधिक और सबसे कम वोटों से कौन जीता

1962 के लोकसभा चुनाव में गायत्री देवी ने 1 लाख 57 हजार 692 वोटों से जीत हासिल की थी.

Updated on: 19 Apr 2024, 05:51 PM

नई दिल्ली:

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज के लिए वोटिंग जारी है. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक पहले फेज में 102 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. ये मतदान 21 राज्यों में हो रहे हैं. हर पार्टी चुनाव के पहले फेज में सबसे अधिक सीटें जीतने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही हैं. इसके साथ ही पार्टियां सियासी मैदान में एक दूसरे को हराने के लिए तैयारियों में जुटी हैं. लेकिन आज हम लोकसभा चुनाव से संबंधित ऐसी जानकारी देंगे जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. आज हम बताएंगे कि भारत के चुनाव इतिहास सबसे अधिक वोटों से और सबसे कम वोटों से जीत हासिल की है.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में चुनाव का आगाज हो गया है.चुनाव आयोग की माने तो 2024 का लोकसभा चुनाव 7 चरणों में संपन्न होंगे. पहले फेज का चुनाव 19 अप्रैल को है वहीं सातवें और अंतिम चरण के लिए वोट 1 जून को डाले जाएंगे. आपको बता दें कि चुनाव इतिहास में सबसे अधिक वोटों से जीत के सी पाटिल ने हासिल की है. वहीं लोकसभा चुनाव में सबसे कम वोटों से जीत हासिल करने वाले सोम मरांडी है जो भारतीय जनता पार्टी से है इसके साथ ही कांग्रेस के कोंथाला रामकृष्णा का भी नाम शामिल है. 

सबसे कम वोटों से जीत

आपको बता दें कि साल 2019 में के सी पाटिल ने नवसारी लोकसभा सीट से 6 लाख 89 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं भाजपा के सोम मरांडी ने साल 1998 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन बिहार के राजमहल सीट से जीत हासिल की थी. ये अंतर मात्र 9 वोटों का था जो रिकॉर्ड आज तक कायम है. इसके साथ ही साल 1989 में लोकसभा चुनाव के दौरान आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली सीट के से कांग्रस प्रत्याशी कोंथाला रामाकृष्ण ने भी अपने नजदीकी कैंडिडेट को मात्र 9 वोटों से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी. 

127 वोटों से जीत

वहीं, 1952 के लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट से निर्दलीय कैंडिडेट मुचकी कोसा सबसे अधिक 1 लाख 41 हजार 331 वोटों से जीत हासिल की थी. इसके साथ ही कोंताई पश्चिम बंगाल सीट से कांग्रेस के रूपकुमार ने सिर्फ 127 वोटों से जीत दर्ज की थी.