Bharat Ratna: क्या है भारत रत्न पुरस्कार? जानें इसके बारे में सबकुछ
Bharat Ratna Award: आज हम आपको भारत रत्न से जुड़ी हर जानकारी देते हैं. दरअसल, भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा करने वाले शख्स को दिया जाता है.
नई दिल्ली:
Bharat Ratna Award: भारत सरकार ने मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि आखिर भारत रत्न होता क्या है और इसे किसे दिया जाता है. इस पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है. तो चलिए आज हम आपको भारत रत्न से जुड़ी हर जानकारी देते हैं. दरअसल, भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा करने वाले शख्स को दिया जाता है.
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इस सम्मान को राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को भारत सरकार की ओर से दिया जाता है. इस सम्मान को देने की शुरूआत 2 जनवरी, 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी. ये सम्मान जीवित और मर्णोपरांत दोनों तरह से दिया जाता है.
किसे मिला सबसे पहले भारत रत्न
देश में सबसे पहले भारत रत्न स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था. इन तीनों लोगों को 1954 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा था. उसके बाद से लेकर अब तक तमाम लोगों को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट काम और योगदान के लिए भारत रत्न दिया जा चुका है.
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हालांकि ये सम्मान 1954 में सिर्फ जीवित व्यक्ति को ही देने का प्रावधान था. लेकिन 1955 में मरणोपरांत भारत रत्न देने की शुरुआत हुई. जिन लोगों को भारत रत्न दिया जाता है उन लोगों के नाम की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर की जाती है. भारत रत्न को हर वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर दिया जाता है.
कैसे होता है भारत रत्न के लिए चुनाव
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए जाने वाले देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए चुने जाने की प्रक्रिया अलग है. 'भारत रत्न' के लिए भारत के प्रधानमंत्री व्यक्ति विशेष के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को करते हैं. राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाने के बाद भारत रत्न प्राप्त करने वालों की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर की जाती है.
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जबकि पद्म पुरस्कार के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती. कोई भी व्यक्ति जाति, पेशा, पद या लिंग के आधार पर अंतर किए बिना ही इस सम्मान के योग्य माना जाता है. यहां जानने वाली बात ये है कि एक साल में सिर्फ तीन लोगों को ही भारत रत्न दिया जाता है. यही नहीं ऐसा भी जरूरी नहीं है कि भारत सरकार हर साल भारत रत्न की घोषणा करे.
भारत रत्न में क्या-क्या मिलता है?
जिस व्यक्ति को भारत रत्न दिया जाता है उसे भारत सरकार एक प्रमाणपत्र और एक मेडल प्रदान करती है. देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती. हालांकि भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को सरकारी विभाग सुविधाएं देते हैं. जैसे भारत रत्न पाने वालों को रेलवे की ओर से मुफ़्त यात्रा की सुविधा मिलती है. साथ ही भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता भी मिलता है.
इसके साथ ही सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में उन्हें जगह देती है. जिन्हें भारत रत्न मिलता है उन्हें प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद स्थान मिलता है.
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बता दें कि वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए किया जाता है. वहीं राज्य सरकारें भी भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं देती हैं. भारत रत्न के साथ एक और खास बात ये है कि इस सम्मान को पाने वाला व्यक्ति अपने नाम के आगे या बाद में इसे नहीं लिख सकता. लेकिन भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति अपने बायोडेटा, लेटरहेड या विज़िटिंग कार्ड में 'राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित' या 'भारत रत्न प्राप्तकर्ता' के रूप में इसे लिख सकते हैं.
कैसा होता है भारत रत्न
भारत रत्न के मेडल में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना होता है. वहीं इस पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का होता है. इसके नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है. जबकि इसके पीछे की ओर अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है.
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