logo-image

आख़िर वायु प्रदूषण के मुख्य कारण और निवारण क्या हो सकते हैं, जानें यहां

सरकार लगातार प्रदेश की हवा को साफ रखने की कोशिश कर रही है लेकिन सारी कोशिशें नाकाम हो रही हैं.आज इस लेख में हम जानेंगे कि वायु प्रदूषण कैसे फैलता है और इसकी रोकथाम क्या है?

Updated on: 10 Nov 2023, 07:04 PM

नई दिल्ली:

अगर हम दुनिया की सबसे प्रदूषित हवा की बात करें तो भारत का नाम लिए बिना बात खत्म नहीं होगी। भारत में कई ऐसे देश हैं जहां की हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल है। देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां हालात बेहद नाजुक हैं. अगर आप दिल्ली में रहते हैं और सिगरेट नहीं पीते हैं तो आप बिना सिगरेट पिए हर दिन करीब 20-25 सिगरेट पी जाते हैं. सरकार लगातार प्रदेश की हवा को साफ रखने की कोशिश कर रही है लेकिन सारी कोशिशें नाकाम हो रही हैं.आज इस लेख में हम जानेंगे कि वायु प्रदूषण कैसे फैलता है और इसकी रोकथाम क्या है?

वायु प्रदूषण कैसे फैलता है? 

उद्योगिक गैसें:
उद्योगों से निकलने वाली विभिन्न गैसें वायु प्रदूषण का कारण बन सकती हैं, जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड

वाहनों से निकलते अपशिष्ट गैसें:
वाहनों द्वारा उत्सर्जित वायु प्रदूषण में कारण बन सकता है, जिसमें कारबन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ऑजोन, और सस्पेंडेड पार्टिक्यूलेट्स शामिल हो सकते हैं.

कृषि के क्षेत्रों से निकलने वाले गैसें: 
खेती के क्षेत्रों से निकलने वाली गैसें भी वायु प्रदूषण का कारण बन सकती हैं, जैसे कि अमोनिया और मेथेन.

वायुमंडल व्यवहार: 
वायुमंडल की अशुद्धि: अगर हवा का प्रवाह सही तरीके से नहीं होता और अशुद्ध होता है, तो इससे वायु प्रदूषण बढ़ सकता है.

प्रदूषित इन्द्रियाँ:
उच्च उर्जा गेंद की सृष्टि: उच्च ऊर्जा गेंद के उत्सर्जन से वायुमंडल में अधिकतम कचरा होता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है.

वायु प्रदूषण से बचाव के तरीके

जल संरक्षण:
औद्योगिक प्रक्रियाओं में सुधार: उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपायों को अपनाएं ताकि उनका प्रभाव कम हो सके.

सुरक्षित जल संचारण: 
जल संचारण में सुरक्षितता की नीतियों को अपनाएं ताकि जल से वायु प्रदूषण को रोका जा सके.

सार्थक यातायात प्रबंधन: 
सार्थक यातायात प्रबंधन की नीतियों का पालन करें, जैसे कि शेयर्ड यात्रा, वाहन साझा करना, और सार्थक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बनाए रखना.

कृषि और वन्यजन संरक्षण:
स्वच्छ कृषि तकनीकों का अनुसरण: स्वच्छ कृषि तकनीकों का अनुसरण करें जो कि प्रदूषण को कम करती हैं.

वायु प्रदूषण के बीच सांस लेने में दिक्कत तो अपनाएं ये तरीक

तुलसी का रस: तुलसी का रस प्रदूषण के कारण होने वाली श्वास-गति में सुधार के लिए माना जाता है। तुलसी के पत्तों का रस निकालकर रोजाना पीने से सांस लेने में आराम हो सकता है.

अदरक का रस: अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सांस लेने की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं. एक छोटी सी कटी हुई अदरक को पीस करके उसका रस निकालें और इसे गरम पानी के साथ मिलाकर पीने से लाभ हो सकता है.

गरम पानी और नमक: गरम पानी में एक छोटी सी चम्मच नमक मिलाकर इसे धूप के रूप में लेना सांस लेने में सहायक हो सकता है। यह मुक्ति प्रदान करने में मदद कर सकता है.

अनुलोम-विलोम प्राणायाम: योग के एक प्रकार, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, श्वास-गति को सुधारने में मदद कर सकता है और प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याओं को कम कर सकता है.