Abortion Rule: गर्भपात को लेकर क्या है नियम, किन प्रक्रिया से होगा गुजरना, जानें यहां
यहां स्थानीय नियमों और विधेयकों के अलावा, भारत में गर्भपात के नियमों में अन्य महत्वपूर्ण विवाद भी हैं, जिन्हें संविधानीय और कानूनी दृष्टिकोण से समझना महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली:
Abortion Rule: गर्भपात, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय से गर्भ या बच्चा पूर्व समय से निकाला जाता है, जिससे कि गर्भाशय में निवास कर रहे बच्चे का विकास रोक दिया जाता है. यह विधियों के द्वारा किया जा सकता है या इलाजी कारणों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि व्यायाम, औषधियाँ, या चिकित्सा सहायता. इसके अलावा, गर्भपात को अनुचित रूप से भी किया जा सकता है, जैसे कि अवैध गर्भपात या बेहद खतरनाक गर्भपात तक. यह एक विवादास्पद और चर्चित विषय है, जिस पर विभिन्न समाज, धर्म और संस्कृतियों में विभिन्न दृष्टिकोण हैं. भारत में गर्भपात के नियम विभिन्न प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग हो सकते हैं. यहां कुछ मुख्य नियमों की एक सारांशिक जानकारी है.
मान्यता प्राप्त मेडिकल प्रयोगशाला: गर्भपात केवल एक मान्यता प्राप्त मेडिकल प्रयोगशाला में ही किया जा सकता है.
गर्भपात की स्थिति: गर्भपात करने की स्तिति केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मान्य होती है, जैसे कि महिला की स्वास्थ्य, गर्भ की आयु, यौन आकर्षण, यौन शोषण या मानसिक स्वास्थ्य के सम्बन्ध में समस्याएं.
गर्भपात की अनुमति: गर्भपात की अनुमति केवल यदि महिला का और पार्टनर का सहमति प्राप्त हो, या फिर यदि गर्भ की स्थिति मान्यता प्राप्त नियमों के अनुसार हो, तो हो सकती है.
विधेयकों की आवश्यकता: कुछ राज्यों में गर्भपात के लिए विशेष विधेयकों की आवश्यकता होती है, जिसका पालन करना अनिवार्य होता है.
पर्याप्त कारण: गर्भपात करने के लिए कोई योग्य कारण होना आवश्यक होता है, जैसे कि गर्भस्थ शिशु की स्वास्थ्य या मानसिक स्वास्थ्य की समस्या.
यहां स्थानीय नियमों और विधेयकों के अलावा, भारत में गर्भपात के नियमों में अन्य महत्वपूर्ण विवाद भी हैं, जिन्हें संविधानीय और कानूनी दृष्टिकोण से समझना महत्वपूर्ण है. गर्भपात, जिसे अन्य शब्दों में अबॉर्शन या तर्कसंग्रहण कहा जाता है, एक तकनीक है जिसमें गर्भाशय से गर्भ को निकाल लिया जाता है. यह एक महिला के जीवन में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद प्रक्रिया है जो किसी भी कारण से किया जा सकता है. यह एक व्यक्तिगत और सामाजिक चयन हो सकता है, और इसमें कई कानूनी और नैतिक पहलुओं को शामिल किया जा सकता है.
गर्भपात के प्रकार:
औषधीय गर्भपात: इसमें औषधियों का सेवन किया जाता है जिससे गर्भ नष्ट होता है. यह सामान्यत: प्रारंभिक गर्भावस्था में किया जा सकता है.
स्क्रेपिंग (Dilation and Curettage - D&C): इसमें गर्भाशय की ऊपरी परत को साफ करने के लिए एक स्क्रेपर का उपयोग किया जाता है.
वैक्यूम अस्पाइरेशन (Vacuum Aspiration): इसमें एक वैक्यूम पंप का उपयोग किया जाता है जिससे गर्भ नष्ट होता है.
मेथोड्स मिलेना (Medication Abortion): इसमें औषधियों का संयोजन किया जाता है जो गर्भ को नष्ट करने में मदद करती हैं.
गर्भपात के कारण:
निरंतर रोग या समस्याएं: जैसे कि मानसिक रूप से रोग, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं या जीवन-threatening बीमारियों.
अनचाहे गर्भ की प्राप्ति: जब महिला या उसका पार्टनर गर्भावस्था को नहीं चाहते.
जीवन की स्थितियों के कारण: जैसे कि आर्थिक समस्याएं, सामाजिक दबाव, या यौन शोषण.
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