स्वास्थ्य कर्मियों से हिंसा पर मंत्रालय सख्त, कहा- ये गैर जमानती अपराध
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Second Wave of Covid Infection) ने तबाही मचा दी थी. इस बीच देश में कई जगहों से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हिंसा (Violence with Health Workers) के मामले सुनने में आए थे.
नई दिल्ली :
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Second Wave of COVID Infection) ने तबाही मचा दी थी. इस बीच देश में कई जगहों से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हिंसा (Violence with Health Workers) के मामले सुनने में आए थे. इन हमलों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध प्रदर्शन (IMA Protest) भी कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने शुक्रवार को देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक विस्तृत समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है कि, संशोधित महामारी रोग अधिनियम के कार्यान्वयन के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और भलाई के लिए त्वरित और आवश्यक कदम उठाए जाएं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर सख्त रवैय्या अपनाते हुए कहा है कि, डॉक्टरों या स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किसी भी तरह की हिंसा या अभद्रता गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आती है. मंत्रालय ने राज्यों को लिखे एक खत में निर्देश दिया है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पत्र में लिखा है, केंद्र सरकार इस मामले को लेकर एक अध्यादेश लेआई थी. आपको बता दें कि ये अध्यादेश अब एक एक्ट बन चुका है, जिसके मुताबिक डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा एक गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है. मंत्रालय ने कहा है कि सभी राज्य सुनिश्चित करें कि चिकित्सक भयमुक्त माहौल में लोगों का इलाज कर सकें.
देश के साढ़े तीन लाख डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई हिंसा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा डॉक्टर प्रदर्शन में हिस्सा लिए. ये डॉक्टर अपने समकक्ष डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हुई हिंसा से निपटने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. स्वास्थ्य कर्मियों के इस प्रदर्शन में IMA के सदस्यों के अलावा, मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क, द एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, जूनियर डॉक्टर नेटवर्क और एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया जैसे कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
केरल में डॉक्टरों ने बंद रखे थे क्लीनिक
डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ केंद्रीय कानून की मांग पर दबाव बनाने के लिए बिहार और मध्य केरल में डॉक्टरों ने सुबह अपनी क्लीनिक को बंद रखकर विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया.
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