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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव: वाम गढ़ में थमा प्रचार, बीजेपी-कांग्रेस दे रही है चुनौती

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार शाम को प्रचार थम गया। इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

Updated on: 16 Feb 2018, 11:52 PM

highlights

  • त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को थमा चुनाव प्रचार, राज्य में है 60 सीटें
  • त्रिपुरा में 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 3 मार्च को वोटों की गिनती होगी
  • राज्य में सत्तारूढ़ माकपा को बीजेपी-कांग्रेस दे रही है कड़ी टक्कर

नई दिल्ली:

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार शाम को प्रचार थम गया। इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को पहली बार राज्य में बड़े स्तर पर हाथ आजमा रही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है।

त्रिपुरा में 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 3 मार्च को वोटों की गिनती होगी।

राज्य विधानसभा की 60 सीटों पर माकपा ने अपने 57 उम्मीदवार उतारें हैं और वाम मोर्चा के साझेदार भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक व रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को एक-एक सीट दी है।

बीजेपी 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसने अपने चुनावी सहयोगी इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के लिए नौ सीटें छोड़ी है। कांग्रेस ने सभी 60 जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 24 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इस बार चुनाव मैदान में कुल 297 प्रत्याशी हैं

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ माकपा ने मुख्यमंत्री माणिक सरकार के नेतृत्व में 49 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस केवल 10 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर थी।

चुनाव आयोग की तैयारी

निर्वाचन आयोग ने त्रिपुरा की चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के 25 सामान्य पर्यवेक्षक, आठ पुलिस पर्यवेक्षक व 19 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। विधानसभा के चुनाव के लिए 30,000 से ज्यादा सिविल अधिकारियों को लगाया गया है।

त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) श्रीराम तरणीकांति के मुताबिक, 12,67,785 महिलाओं सहित कुल 25,79,060 मतदाता आगामी 18 फरवरी को होने वाले चुनाव में मतदान के पात्र हैं।

मतदान के लिए इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) का प्रयोग किया जाएगा।

त्रिपुरा के चारीलाम विधानसभा सीट पर 12 मार्च को चुनाव होंगे। यहां राज्य के 59 अन्य विधानसभा सीटों के साथ 18 फरवरी को चुनाव होने थे लेकिन, माकपा उम्मीदवार की मौत की वजह से मतदान की तिथि में बदलाव करना पड़ा।

राहुल त्रिपुरा में

राज्य में चुनावी अभियान के आखिरी दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गज प्रचार करते दिखे। कैलाशहर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल बीजेपी और माकपा पर जमकर बरसे।

उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार खुद भारी घोटाले में डूबी हुई है और अचानक नोटबंदी कर हर किसी के जीवन और आजीविका को बर्बाद कर दिया। राहुल ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी सरकार के दौरान शासन के हरेक क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ गया है।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जनता के साथ कभी धोखा नहीं किया। कांग्रेस ने जो वादा किया, उसे पूरा किया। राहुल ने कहा कि कांग्रेस हर वर्ग के लोगों के लिए सोचती है, लेकिन भाजपा सिर्फ राजनीतिक लाभ के बारे में सोचती है।

त्रिपुरा में सत्ताधारी वाम दलों की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि माकपा भी लोगों की सेवा कर पाने में विफल रही है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्य का दौरा किया था। दो चुनावी रैलियों में मोदी ने कहा, 'कांग्रेस और वाम पार्टियों में पश्चिम बंगाल और केरल की तरह त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी गोपनीय समझौता हो चुका है। त्रिपुरा का भविष्य बदलने के लिए दोनों को अस्वीकार कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट दें।'

वहीं सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का दावा है कि इस बार भी वह पूरे दमखम से सत्ता में लौटेगी।

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