विवाह घोटाले में CEO सहित तीन गिरफ्तार, फर्जी शादियां कराने का आरोप
मध्यप्रदेश से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां जनपद विदिशा के सिरोंज में CEO समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आपको बता दें कि सीईओ पर अन्य साथी अफसरों के साथ मिलकर विवाह घोटाला करने का आरोप है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री क
highlights
- ईओडब्ल्यू में फंसे CEO ने न्यायालय में लगाई याचिका
- सरकारी योजनाओं से करोड़ों रुपए निकालने का आरोप
- शिकायत के बाद 4 जनवरी को त्रिपाठी को किया गया था सस्पेंड
नई दिल्ली :
मध्यप्रदेश से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां जनपद विदिशा के सिरोंज में CEO समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आपको बता दें कि सीईओ पर अन्य साथी अफसरों के साथ मिलकर विवाह घोटाला करने का आरोप है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना घोटाले में फर्जी तरह से शादियां दिखाने वाले जनपद सीईओ सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी हो गई है. इन लोगों ने पूर्व की शादियों और जिनकी शादी नहीं हुई, उनके नाम पर सरकारी योजनाओं का करोड़ों रुपए निकालकर सरकारी राशि को हजम कर लिया था. आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने इनकी गिरफ्तारी की. इन लोगों ने पूर्व की शादियों और जिनकी शादी नहीं हुई, उनके नाम पर सरकारी योजनाओं का करोड़ों रुपए निकालकर सरकारी राशि को हजम करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.
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आपको बता दें कि शिकायत के बाद त्रिपाठी को 4 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया था. आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने आज इनकी गिरफ्तारी की. यही नहीं शोभित त्रिपाठी राज्य सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव के रिश्तेदार बताए जाते हैं. सिरोंज जनपद में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आरोपियों की मिलीभगत से कई गलत शादियों की राशि निकाली गई.कई ऐसे लोगों के नाम इस योजना की राशि निकाली गई जिन्हें यह पता ही नहीं चला कि उनके नाम पर योजना लाभ लेकर सरकारी राशि निकाल ली गई. इन लोगों के खातों में राशि भेजे जाने की जगह आरोपियों ने दूसरे खातों में राशि जमा करा ली है.
ऐसे लोगों के नाम को भी योजना में शामिल किया जिनकी पूर्व में शादियां हो चुकी थीं. कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर में जब कम शादियां हुईं थीं तब इन लोगों ने छह हजार की संख्या में सरकारी योजना का लाभ देना बताकर उनके नाम की राशि निकाली गई. यह मामला सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा के विधानसभा में उठाए जाने पर सामने आया था. जिसमें विधानसभा अध्यक्ष गिरोश गौतम ने भी आर्श्चय व्यक्त किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों की समीक्षा के दौरान शोभित त्रिपाठी को निलंबित करने के आदेश दिए थे. EOW ने अपनी जांच में पाया कि ये घोटाल लॉकडाउन के दौरान किया गया.
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