सरकारी बैंकों में भ्रष्टाचार आम, लेकिन भरोसा बरकरार : सर्वेक्षण
इस साल फरवरी में हुए कई बैंक घोटालों के भंडाफोड़ के बाद एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 'बैंकरों-व्यापारियों की सांठगांठ' आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय है, जो हकीकत है।
highlights
- भ्रष्टाचार के बावजूद सरकारी बैंकों में लोगों का भरोसा बरकरार
- पीएनबी घोटाले के बाद किए गए सर्वे में हुआ खुलासा
नई दिल्ली:
इस साल फरवरी में हुए कई बैंक घोटालों के भंडाफोड़ के बाद एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 'बैंकरों-व्यापारियों की सांठगांठ' आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय है, जो हकीकत है।
एक क्लोज्ड सिटिजंस एंगेजमेंट प्लेटफार्म लोकलसर्किल्स ने इस मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया, जिसमें 50,000 लोगों ने भाग लिया।
सर्वेक्षण में पहला प्रश्न यह पूछा गया कि भारत में सरकारी बैंक को चलानेवालों और व्यापारियों के बीच सांठगांठ से किया जानेवाला भ्रष्टाचार कितना आम है। करीब 53 फीसदी लोगों ने कहा कि यह सामान्य है, जबकि 43 फीसदी ने कहा कि यह केवल कर्ज जैसे सीमित मामलों में ही है।
सर्वेक्षण में यह पूछा गया कि लोगों के हिसाब से इस भ्रष्टाचार पर लगाने का सबसे बढ़िया उपाय क्या है। 52 फीसदी लोगों ने कहा कि प्रभावी सतर्कता व्यवस्था की आवश्यकता है, 13 फीसदी ने कहा कि वरिष्ठ प्रबंधन और बोर्ड में निजी क्षेत्र के पेशेवरों को रखा जाए और 32 फीसदी ने कहा कि निजीकरण कर दिया जाए।
तीसरा प्रश्न यह पूछा गया कि क्या सरकारी बैंकों की लेखा परीक्षा को मजबूत किया जाए, तो करीब 89 फीसदी लोगों ने हां में और 3 फीसदी ने न में जवाब दिया, जबकि 7 फीसदी ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है।
और पढ़ें: आरुषि मर्डर केस: CBI ने तलवार दंपत्ति की रिहाई को SC में दी चुनौती
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल