आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान का हाई अलर्ट, एनडीआरएफ टीम तटीय क्षेत्र में तैनात
आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार को अपनी मशीनरी हाई अलर्ट पर रखी और एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को पांच जिलों में तैनात रखा है.
नई दिल्ली:
आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार को अपनी मशीनरी हाई अलर्ट पर रखी और एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को पांच जिलों में तैनात रखा है. ऐसा इसलिए कि बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव का क्षेत्र जबर्दस्त चक्रवाती तूफान में तब्दील होने वाला है. यह चक्रवात सोमवार को ओंगोल और काकीनाडा के बीच होकर गुजरेगा. मौसम कार्यालय ने कहा कि तटवर्ती आंध्र प्रदेश और उत्तर तमिलनाडु में अगले दो दिनों में वर्षा हो सकती है और चक्रवात सोमवार को आंध्र प्रदेश के ओंगोल और काकीनाडा के बीच टकराएगा. मौसम विभाग के जरिए अलर्ट जारी करते हुए चक्रवात के अगले 72 घंटों में आगे बढ़ने की आशंका जताई गई है.
आंध्र प्रदेश में बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के कारण घने बादल छाए हुए हैं. इसके साथ ही उत्तर की तरफ से आ रही ठंडी हवाओं के कारण सर्दी में भी इजाफा हुआ है. इस चक्रवात के आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु की तरफ पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है. इस मद्देनजर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक पी वेंकटेश के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ को तटवर्ती जिलों गुंटूर, कृष्णा, पश्चिमी गोदावरी, पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम में रखा गया है जबकि सरकारी मशीनरी को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की दो टीमें (80 सदस्य) और एनडीआरएफ की दो टीमों (60 सदस्य) को सभी जरूरी उपकरणों के साथ इन जिलों में तैनात रखा गया है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश आपदा प्रतिक्रिया और दमकल की 16 टीमों को राजामहेंद्रवरम में रिजर्व में रखा गया है जबकि नौ और (प्रत्येक में पांच सदस्य) को पश्चिम गोदावरी जिले में सड़क पर आवागमन सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए रखा गया है.
वेंकटेश ने कहा, ‘इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ कर्मियों की चार टीमों को पूर्वी गोदावरी जिले में भेजा गया है और एक को 10वीं बटालियन मुख्यालय पर तैयार स्थिति में रखा गया है.’ पूर्वी गोदावरी जिला कलेक्टर के. मिश्रा ने चक्रवात के खतरे के मद्देनजर आठ तटवर्ती मंडलों में सभी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी की घोषणा की है. राज्य के मुख्य सचिव अनिल चंद्र पुनेठा ने सभी तटवर्जी जिलों के कलेक्टरों से बात की और संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की.
मिश्रा ने कहा कि 50 राहत शिविर आठ तटवर्ती मंडलों में खोले गए हैं और चार आईएएस अधिकारियों को स्थिति की निगरानी और उचित कदम के लिए अमलापुरम में रखा गया है. पुडुचेरी से प्राप्त खबर के अनुसार राजस्व मंत्री एमओएचएफ शाह जहां के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने यनम के क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारी डी एस राव से चक्रवात के मद्देनजर ऐहतियाती कदम उठाने के लिए कहा है. शाह जहां ने कहा कि स्वास्थ्य एवं पर्यटन मंत्री एम के राव क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. वह ऐहतियाती कदमों का समन्वय कर रहे हैं और विभागों को तैयार करने पर काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खतरे वाले क्षेत्रों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाए.
मौसम विभाग की बुलेटिन में कहा गया कि शनिवार से आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी तटों पर 45 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा और शनिवार की सुबह दक्षिणपश्चिम और दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचा. दबाव का क्षेत्र यहां से 690 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में और आंध्र प्रदेश के मछिलीपट्टनम के 890 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और श्रीलंका के ट्रिंकोमाली के 440 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व में मौजूद है.
बुलेटिन में कहा गया कि अगले 24 घंटे में (शनिवार और रविवार के बीच) चक्रवाती तूफान के और तीव्र होने और उसके बाद के 24 घंटे में (रविवार और सोमवार की सुबह के बीच) गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. तूफान के उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढने तथा 17 दिसंबर की दोपहर ओंगोल और काकीनाडा के बीच आंध्र प्रदेश की तटीय सीमा पार करने की संभावना है.
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तूफान के कारण 16 और 17 दिसंबर को तटीय आंध्र प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर बारिश जबकि कुछेक स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की आशंका है.
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