राष्ट्रपति चुनाव: द्रौपदी मुर्मु को सपोर्ट करेगी SBSP, सपा के साथ जारी रहेगा गठबंधन
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े सहयोगी हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी हमारा सम्मान करना भूल गई. राज्यसभा चुनाव में जयंत को सीट दे दी गई.
highlights
- सुभासपा करेगी द्रौपदी मुर्मु का समर्थन
- ओम प्रकाश राजभर ने किया ऐलान
- सपा पर लगाया अनदेखी करने का आरोप
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने वाली सुभासपा ने ऐलान कर दिया है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में सपा से अलग वोट देगी. वो एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु को अपना समर्थन देगी. खुद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े सहयोगी हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी हमारा सम्मान करना भूल गई. राज्यसभा चुनाव में जयंत को सीट दे दी गई. राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा का समर्थन समाजवादी पार्टी ने किया, लेकिन हमसे पूछा ही नहीं. ऐसे में अब सुभासपा अपने फैसले के बारे में सबको सूचित कर रही है कि हम एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु के पक्ष में वोटिंग करेंगे.
अखिलेश यादव का साथ देते, लेकिन...
इस दौरान सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राज ने कहा कि वो अभी भी अखिलेश के साथ हैं और गठबंधन में जब तक वो हैं तब तक हम रहेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वो अखिलेश के साथ वोट देने के लिए तैयार थे. लेकिन उन्होंने हमें बुलाया ही नहीं. वहीं, CM योगी ने मुझे बुलाकर कहा कि आप पिछड़े, दलित, वंचित की लड़ाई लड़ते हैं. आप द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें. मैंने उनसे मुलाकात की. जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई. उनसे बात होने के बाद हमने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है.
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बीजेपी का साथ छोड़कर सपा के साथ किया था गठबंधन
उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव SBSP और सपा ने एक साथ मिलकर लड़ा था. SBSP ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह पर जीत हासिल की थी. इससे पहले, 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ थी और राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी, लेकिन बाद में पार्टी सरकार से अलग हो गई थी. यूपी के राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज है कि राजभर सपा को छोड़ सकते हैं.
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