बढ़ने के बाद भी बिहार के MLAs को इन राज्यों से भी कम मिलती है सैलरी, देखें पूरी लिस्ट
वेतन बढ़ने के बावजूद बिहार के विधायकों की सैलरी अभी भी कई राज्यों के MLA से काफी कम है. कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें विधायकों का वेतन काफी अधिक है.
नई दिल्ली:
वेतन बढ़ने के बावजूद बिहार के विधायकों की सैलरी अभी भी कई राज्यों के MLA से काफी कम है. कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें विधायकों का वेतन काफी अधिक है. आइए जानें भारत में विभिन्न विधानसभाओं के विधायकों को कितना वेतन और धन दिया जाता है. भारत में 31 राज्यों की विधानसभाओं दिल्ली व पुडुचेरी समेत ( Delhi and Puducherry) में 4120 विधायक हैं. सभी विधायकों को प्रति वर्ष 1 करोड़ से 4 करोड़ रुपये 'विधायक निधि' दिया जाता है.इस निधि से वे अपने क्षेत्र का विकास कराते हैं.
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अभी जल्द ही अलग राज्य बने तेलंगाना में माननीयों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. यहां के विधायकों को प्रति माह 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं जबकि त्रिपुरा विधानसभा के विधायकों को सबसे कम वेतन 34000 रुपये दिया जाता है.दूसरे नंबर पर है दिल्ली. यहां के विधायकों को 2 लाख 10 हजार वेतन और भत्ते मिलते हैं.
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तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के विधायक आते हैं जिनका वेतन 1.87 लाख है. अभी बिहार के विधायकों का वेतन मंगलवार को बढ़ाया गया. अब उनका वेतन 1.14 लाख से बढ़कर लगभग 1 लाख 30 हजार हो गया है जो अभी भी महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड के विधायकों से कम है.
सबसे कम वेतन पाते हैं त्रिपुरा के विधायक
31 राज्यों में सबसे कम वेतन त्रिपुरा के विधायकों को मिलता है. यहां विधायकों को सिर्फ 34 हजार वेतन मिलते हैं. इसके अलावा सिक्किम के विधायकों को 86.5 हजार, मेघालय के विधायकों को 59 000, अरुणाचल प्रदेश के MLA को 49 000, मिजोरम के विधायकों को 47 000, असम के विधायकों को 42 000, मणिपुर के विधायकों को 37 000 और नागालैंड के विधायकों को 36 000 रुपये वेतन और भत्ते के रूप में मिलते हैं.
वेतन के अलावा विधायकों को मिलती हैं ये सुविधाएं
अगर उत्तर प्रदेश के विधायक को उपलब्ध सुविधाओं की बात करें तो उन्हें विभिन्न मदों में प्रति माह लगभग 18.87 लाख रुपये मिलते हैं.एक विधायक को 5 साल के भीतर एक निधि के रूप में 7.5 करोड़ रुपये मिलते हैं.इसके अलावा वेतन के रूप में 75,000 रुपये , डीजल व्यय के लिए 24000, व्यक्तिगत सहायक के लिए 6000, मोबाइल खर्च के लिए 6000 और चिकित्सा खर्च के लिए 6000 मिलते हैं.इन खर्चों के अलावा उन्हें सरकार के गेस्ट हाउसों में मुफ्त भोजन और आवास सुविधाएं मिलती हैं और उनके निर्वाचन क्षेत्र में यात्रा के लिए अलग-अलग खर्च मिलते हैं.
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विधायकी नहीं रहने पर भी बल्ले-बल्ले
5 साल की अवधि समाप्त होने के बाद विधायक को पेंशन के रूप में 30000 रुपये प्रति माह के साथ 8000 रुपये डीजल व्यय के रूप में मिलते हैं. इसके अलावा जीवन भर मुफ्त रेलवे पास और चिकित्सा सुविधा भी मिलती है.
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