ब्रिक्स सम्मेलन में आज अफगानिस्तान पर होगी चर्चा, पीएम मोदी करेंगे शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर 2021 को वर्चुअल फॉर्मेट में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. शिखर सम्मेलन का विषय है ब्रिक्स 15 इंट्रा ब्रिक्स सहयोग के लिए निरंतरता समेकन और आम सहमति.
highlights
- बैठक में चीन के राष्ट्रपति भी होंगे शामिल
- आतंकवाद के मुद्दे पर हो सकती है बातचीत
- 2016 में गोवा में हुई थी ब्रिक्स शिखर बैठक
नई दिल्ली:
दुनिया के पांच बड़े देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स की शिखर बैठक आज यानि गुरुवार (9 सितंबर) को होने जा रही है. वर्चुअल तरीके से होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे. भारत इस साल ब्रिक्स का अध्यक्ष है. शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो भी भाग लेंगे. भारत ने बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार, आतंकवाद विरोधी कदम, सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए डिजिटल और प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करने और लोगों के बीच परस्पर संचार को बढ़ाने समेत प्राथमिकता वाले चार क्षेत्रों पर जोर दिया है. इसके साथ ही नेता कोविड-19 महामारी के असर और अन्य वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार साझा करेंगे. बैठक में अफगानिस्तान मुद्दा भी छाये रहने की संभावना है.
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सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाएगा भारत
भारत की कोशिश होगी कि शिखर बैठक के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान में भी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के बारे में स्पष्ट तौर पर जिक्र हो. विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि यह दूसरा मौका है जब पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इसके पहल वर्ष 2016 में गोवा में ब्रिक्स शिखर बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने की थी.
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चार विशेष मुद्दे प्राथमिकता के तौर पर लेने की पेशकश
इस बार की बैठक के लिए भारत ने चार विशेष मुद्दे प्राथमिकता के तौर पर लेने की पेशकश की थी. ये मुद्दे हैं-संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी बहुपक्षीय व्यवस्था में बदलाव, आतंकवाद के खिलाफ ज्यादा कठोर कदम उठाना, संयुक्त राष्ट्र के तहत तय सहस्राब्दि लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल और सदस्य देशों की जनता के बीच मेल-मिलाप को ज्यादा मौका देना. बैठक में कोरोना का मुद्दा भी उठेगा.
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