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National Commission for Men : पुरुष कमीशन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

National Commission for Men : अभी तक हिंदुस्तान में पुरुषों की रक्षा करने वाले एक आयोग की मांग महज मजाक में होती रही है. लेकिन अब इसे लेकर कुछ लोग बेहद गंभीर हैं. देश में पुरुष आयोग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द ही सुनवाई भी कर सकता है. इस याचिका को एडवोकेट महेश कुमार तिवारी ने दायर की है.

Updated on: 15 Mar 2023, 11:20 PM

highlights

  • पुरुष कमीशन की मांग
  • सुप्रीम कोर्ट में याचिका हुई दायर
  • सुप्रीम कोर्ट में जल्द होगी सुनवाई

नई दिल्ली:

National Commission for Men : अभी तक हिंदुस्तान में पुरुषों की रक्षा करने वाले एक आयोग की मांग महज मजाक में होती रही है. लेकिन अब इसे लेकर कुछ लोग बेहद गंभीर हैं. देश में पुरुष आयोग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द ही सुनवाई भी कर सकता है. इस याचिका को एडवोकेट महेश कुमार तिवारी ने दायर की है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सामने झूठे मामलों में फंसने के बाद आत्महत्या करने वाले पुरुषों का आंकड़ा रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई है कि वो पुरुषों को कानूनी सुरक्षा देने वाले आयोग के गठन का निर्देश सरकार को दे. क्योंकि महिलाओं से जुड़े किसी भी मामले में पुरुषों को सुनवाई से पहले ही अपराधी मान लिया जाता है और उनका उत्पीड़न किया जाता है.

पुरुष भी हैं घरेलू हिंसा के शिकार

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि घरेलू हिंसा के मामले में सिर्फ औरतें ही नहीं, बल्कि पुरुष भी पीड़ित होते हैं. लेकिन वो अपनी फरियाद किसी से कर नहीं पाते. इसकी वजह से देश भर में पुरुषों की आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. याचिकाकर्ता ने अपनी अपील में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि वो हर जिले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे, ताकि पुरुषों को झूठे मामलों में फंसाने वाले मामलों में कानूनी सुरक्षा मिल सके.

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पुरुषों की समस्याओं को कोई नहीं सुनता!

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार जब तक इस मामले में कोई कानून न बना दे, तब तक अस्थाई तौर पर ही सही, मानवाधिकार आयोग की तरह एक आयोग का गठन करे. याचिकाकर्ता का कहना है कि पारिवारिक विवाद की स्थिति में अभी के कानूनों के मुताबिक, महिलाओं की बातों को पहले सुना जाता है. लेकिन जिन पुरुषों पर ऐसे झूठे आरोप लगाए जाते हैं, वो खुद को दोषी मानते रहते हैं. वो सामाजिक और आर्थिक तौर पर बर्बाद हो जाते हैं. लेकिन उनकी कोई सुनता ही नहीं है. ऐसे में 'NATIONAL COMMISSION FOR MEN' का गठन करना बहुत जरूरी हो गया है.

भारत समेत दुनिया भर में बढ़े हैं आत्महत्या के मामले

भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. हर साल पारिवारिक विवादों के चलते करीब 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं. भारत में साल 2021 में 1 लाख 64 हजार 33 लोगों ने आत्महत्या की थी. ये आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो  ( NCRB ) ने जारी किये हैं. साल 1967 से एक लाख लोगों की आबादी में 12 लोगों ने आत्महत्या की, जो कि 2021 का आंकड़ा है और सर्वाधिक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आत्महत्या को भारत में बड़ी समस्या करार दिया है.