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नौसेना प्रमुख ने बड़े बदलाव के दिए संकेत, कहा-पुराने नियमों को हटाने की जरूरत 

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने नौसेना में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि पुरानी प्रैक्टिस को बदलना जरूरी है. उनका कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी का विजन है कि हम गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें.

Updated on: 10 Dec 2022, 04:40 PM

highlights

  • पुरानी प्रैक्टिस को बदलना जरूरी: नौसेना प्रमुख
  • देश को लंबे समय तक युद्ध के लिए तैयार रहने की आवश्यकता: वायुसेना प्रमुख 
  • वायुसेना अधिक ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी

नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने नौसेना में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि पुरानी प्रैक्टिस को बदलना जरूरी है. उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी का विजन है कि हम गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें. इसके लिए तीनों सेनाओं के रैंक्स एक जैसे हों. इस पर सोच-विचार जारी है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि हम एक टीम बनाकर यह जांच रहे हैं कि क्या-क्या ऐसी प्रैक्टिसेस हैं जो पुराने समय की हैं. यह रेलेवेंट हैं की नहीं. नौसेना काफी पुरानी है. ऐसे में हम अब भी कई प्रैक्टिस पुराने समय से करते आ रहे हैं. इस तरह के कार्यों की लिस्ट बनाई जा रही है. इसका अब कोई महत्व नहीं रह गया है. पुराने नियमों को बदलने की आवश्यकता है. 

नौसेना प्रमुख बोले हमारा इतिहास काफी बड़ा रहा है. हमारे तीनों तरफ सागर है. ऐतिहासिक रूप से हम किसी न किसी का सहारा लेते आए हैं. मौर्या, गुप्ता और चोला साम्राज्य इस बात की तस्दीक देता है. तीनों साम्राज्यों में व्यवसाय, संस्कृति आगे बढ़ी है. चोला साम्राज्य के समय समुद्री व्यापार को बढ़ावा मिला. सभी शक्तिशाली देश मैरीटाइम पॉवर हैंं. ऐसे में देश के विकास के लिए नौसेना शक्ति के साथ समुद्री व्यापार जरूरी है. ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए समुद्र व्यापार को और बेहतर बनाने की जरूरत है.  

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वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी का कहना है कि देश को लंबे समय तक युद्ध के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है. वह रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे हैं. उनका कहना था कि यह युद्ध इस लिए खिंचा क्योंकि इसका उद्देश्य साफ नहीं था. उन्होंने कहा कि युद्ध में उचित रणनीति के साथ सही तकनीक की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वायुसेना अधिक ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी. उन्होंने हम तकनीक और क्षमता को कम किए बगैर ही स्वेदशी विमानों को विकसित करेंगे.