नवरात्रि 2018: लखनऊ में ऐसी रामलीला जहां पूरा मुस्लिम परिवार निभाते हैं रामायण का किरदार
यह रामलीला साल 1972 से ही शुरू की गई थी. तब वो हर साल इसका धूम-धाम से आयोजन करते आए है.
नई दिल्ली:
जब भारत में कुछ लोग सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे है वहीं दूसरी तरफ लखनऊ का एक परिवार सालों से हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है. लखनऊ के बख्शी का तालाब इलाके में एक मुस्लिम परिवार पिछलो तीन पीढ़ियों में नवरात्रि के दौरन आयोजित होने वाले रामलीला में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता आया है. यह रामलीला साल 1972 से ही शुरू की गई थी. तब वो हर साल इसका धूम-धाम से आयोजन करते आए है.
नाटक के डायरेक्टर मोहम्मद साबिर खान भी खुद इस रामलीला में मुख्य रुप से भाग लेते हैं. वो बताते हैं कि जब से इस रामलीला की शुरुआत हुई है तब से ही हिंदू और मुस्लिम दोनों बराबर रुप से इसमें भाग लेते रहे हैं.
जब उस समय मैं 13 साल का था उसी समय मैं इसमें भाग लिया करता था, इसके बाद मुझे इसमें मजा आने लगा, इसके बाद तो हर साल के लिए मैं इसमें सक्रिय रुप से भाग लेने लगा.
Lucknow: A Muslim family has been organising Ramleela since last 3 generations in Bakshi Ka Talab area. Mohd Sabir Khan, one of the artists, says, ”This Ramleela was started in 1972 & since then Hindus & Muslims are a part of it." pic.twitter.com/hCwcjVlsSY
— ANI UP (@ANINewsUP) October 14, 2018
खान के दो बेटे हैं, और एक पोता है और ये सभी इस साल बड़े ही उत्साह से इसमें भाग ले रहे हैं.
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हिंदू-मुस्लिमों के बीच एकता और अखंडता के सवाल पर साबिर के बहुत ही नेक विचार हैं. साबिर ने कहा कि भगवान ने हिंदू और मुस्लिम को अलग-अलग नहीं बनाया है. हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं और भाई-भाई हैं. सबसे बड़ी बात कि हम सब इंसान हैं.
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