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पाकिस्तान के साइंस ऐंड टेक्नॉलजी मिनिस्टर के बयान पर सब जगह हो रही पाक की जगहंसाई, देखें video

इसके चलते मंत्री जी सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहे हैं.

Updated on: 08 May 2019, 09:45 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर ने एक बयान देकर जमकर अपनी जगहंसाई करवा ली है. इसके चलते मंत्री जी सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहे हैं. वहीं पाकिस्तान के लोग भी उन्हें काफी सुना रहे हैं. दरअसल, जियो न्यूज के कार्यक्रम 'नया पाकिस्तान' में अपने देश की तारीफ करते हुए फवाद चौधरी ने कहा कि हबल स्पेस टेलिस्कोप को पाकिस्तान की ऐरोनॉटिक्स ऐंड ऐरोस्पेस रिसर्च एजेंसी ने स्पेस में भेजा है. जबकि सच्चाई यह है कि हबल टेलिस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने भेजा है. यह कार्यक्रम प्रसारित होते ही ट्विटर पर पाकिस्तान के साइंस मिनिस्टर ट्रोल होने शुरू हो गए.

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दरअसल, स्पेस से निगरानी के लिए टेक्नॉलजी के इस्तेमाल पर ऐंकर ने मंत्री से सवाल पूछा तो पाक मंत्री ने समझाते हुए कहा, 'देखने में प्रॉब्लम है. एक तरीका यह है कि आपने एक दूरबीन लगाई जो 50, 60, 70 या शायद 100 साल पुरानी टेक्नॉलजी है. एक देखने का तरीका दूरबीन हबल है, जो दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन है जो सुपारको (Suparco) ने भेजी हुई है, जो सैटलाइट में वहां लगी हुई है. फिर सैटलाइट्स हैं और फिर और टेक्नॉलजी है जो आप यूज करते हैं.'

पाक मंत्री जब यह दावा कर रहे थे तो न्यूज ऐंकर भी काफी हैरत भरी नजरों से उन्हें देख रहे थे. बाद में 31 सेकंड का यह विडियो ट्विटर पर वायरल हो गया और पाक मंत्री के इस झूठे दावे पर लोग उन्हें ट्रोल करने लगे. देखते ही देखते उन पर मीम्स भी बनने शुरू हो गए. एक ट्विटर यूजर ने तो यहां तक कह दिया कि फवाद चौधरी को अब साइंस ऐंड टेक्नॉलजी का नोबेल पुरस्कार दे ही देना चाहिए.

आपको बता दें कि हबल टेलिस्कोप को 1990 में स्पेस में भेजा गया था और यह अब भी ऑपरेशन में है. इसे अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद से बनाया था.