मुसलमान बीजेपी राज में ही हैं सबसे सुरक्षित और खुश: MRM
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में भाजपा के लिए वोट मांगने के लिए पर्चे को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के बीच बांटा जाएगा.
highlights
- एमआरएम का 'निवेदन पत्र' पर्चे के रूप में प्रकाशित हुआ
- दंगों और अत्याचारों की घटनाओं में काफी कमी आयी है
- कांग्रेस और अन्य विपक्ष ने मुसलमानों को वोट बैंक माना
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यक समुदाय से भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा शासन में मुसलमान 'सबसे सुरक्षित और खुश' हैं, जबकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी उन्हें केवल 'वोट बैंक' मानती हैं. एमआरएम ने समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र और राज्यों में भाजपा सरकारों द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि पार्टी देश में मुसलमानों की 'सबसे बड़ी शुभचिंतक' है.
संगठन के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने बताया कि एमआरएम का 'निवेदन पत्र' पर्चे के रूप में प्रकाशित हुआ है और इसे चुनाव वाले राज्यों में वितरित करने के लिए यहां एक बैठक में इसे जारी किया गया, जिसकी अध्यक्षता इसके संस्थापक और मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में भाजपा के लिए वोट मांगने के लिए पर्चे को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के बीच बांटा जाएगा. यह जिक्र किया गया, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 से अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए नयी रोशनी, नया सवेरा, नयी उड़ान, सीखो और कमाओ, उस्ताद और नयी मंजिल सहित 36 योजनाएं शुरू की हैं.'
संगठन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को प्रधानमंत्री आवास योजना, मुद्रा योजना, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना, स्टार्टअप इंडिया और मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई अन्य योजनाओं से भी लाभ हुआ है. इसने सवाल किया, 'कांग्रेस, सपा और बसपा समेत विपक्षी दल आरएसएस एवं भाजपा के खिलाफ लंबे समय से यह कह कर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो मुसलमानों को देश से बाहर कर दिया जाएगा..कितने मुसलमानों को देश से निकाल दिया गया है...पिछले सात वर्षों में?'
इसने कहा, 'कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मुसलमानों को केवल अपना वोट बैंक माना है... मुसलमानों को कांग्रेस और समुदाय से तथाकथित सहानुभूति रखने वालों के शासन के दौरान गरीबी, अशिक्षा, हिंदुओं के खिलाफ नफरत, पिछड़ापन और तीन तलाक जैसे इस्लाम विरोधी अत्याचार मिले.' एमआरएम ने दावा किया कि 2014 के बाद से मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक दंगों और अत्याचारों की घटनाओं में काफी कमी आयी है. भाजपा सरकार मुसलमानों की सबसे बड़ी शुभचिंतक है... चुनाव के दौरान कांग्रेस, सपा-बसपा के झांसे में न आएं. देश के मुसलमान भाजपा के शासन में सबसे सुरक्षित और खुश हैं और आगे भी रहेंगे. इसलिए सोच-समझकर वोट करें. जरा सी चूक परेशानी का कारण बन सकती है.'
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