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मोदी सरकार ने यूरिया और बेंगलुरू मेट्रो को लेकर किया ये बड़ा ऐलान

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस मंजूरी के मिलने के बाद इस नई तकनीक से भारत को सही मायने में आत्मनिर्फर बनने में मदद मिलेगी.

Updated on: 20 Apr 2021, 04:24 PM

highlights

  •  मोदी सरकार ने यूरिया (Urea) के लिए एक विशेष सब्सिडी पॉलिसी को मंजूरी दी
  • सरकार ने बेंग्लुरु मेट्रो रेल परियोजना के चरण 2 ए और 2 बी के विस्तार को मंजूरी दी

नई दिल्ली :

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने तालचेर उर्वरक लिमिटेड (Talcher Fertilisers Ltd) के द्वारा कोयला गैसीकरण (Coal Gasification) के जरिए उत्पादित हुए यूरिया (Urea) के लिए एक विशेष सब्सिडी पॉलिसी को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि इस मंजूरी के मिलने के बाद इस नई तकनीक से भारत को सही मायने में आत्मनिर्फर बनने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने बेंग्लुरु मेट्रो रेल परियोजना के चरण 2 ए के तहत  Central Silk Board Junction से के आर पुरम और चरण 2 बी के तहत के आर पुरम से हवाई अड्डे वाया हेब्बल जंक्शन तक की कुल लंबाई 58 किमी के लिए मंजूरी दे दी है.

उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 14,788 करोड़ रुपये है. 

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देशव्यापी लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं वित्त मंत्री

देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Virus) का कहर जारी है. संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे कदम उठाए जा रहे हैं. मौजूदा हालात में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या और मौत के आंकड़ें काफी डरावने हैं. वहीं दूसरी ओर संक्रमण लगातार बढ़ने की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन (Nationwide Lockdown) का डर भी सता रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे हालात में वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि वह देशव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने के पक्ष में नहीं हैं.

संक्रमण को रोकने के लिए छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे: निर्मला सीतारमण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार की राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की योजना नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे. वित्त मंत्री ने देश में कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के संबंध में विभिन्न उद्योग संगठनों से सलाह मशविरा भी किया है. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान से बचने के लिए वित्त मंत्री ने कारोबारियों से सुझाव भी मांगे हैं. बता दें कि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.