Rajya Sabha में 10 फीसदी EWS आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल पारित, पक्ष में पड़े 165 वोट
संसद का शीतकालीन सत्र की मियाद खत्म हो चुकी है, लेकिन राज्यसभा का सत्र एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. बुधवार को अंतिम दिन राज्यसभा में कुछ महत्वपूर्ण बिल लाए जाने हैं.
नई दिल्ली:
संसद का शीतकालीन सत्र की मियाद खत्म हो चुकी है, लेकिन राज्यसभा का सत्र एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. बुधवार को अंतिम दिन राज्यसभा में कुछ महत्वपूर्ण बिल लाए जाने हैं. सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाला 124वां संविधान संशोधन विधेयक के अलावा नागरिकता विधेयक 2016 और ट्रिपल तलाक विधेयक भी राज्यसभा में बुधवार को पेश होने हैं. सरकार की कोशिश अंतिम दिन इन विधेयकों को पास कराने की है. हालांकि तीनों विधेयकों के पास होने की उम्मीद कम ही है. लोकसभा में उपस्थित 326 सदस्यों में से 323 ने बिल के समर्थन में वोट दिया और महज 3 सदस्यों ने विरोध किया. अब राज्यसभा में बिल को दो तिहाई बहुमत से पास कराने के लिए 164 वोटों की जरूरत होगी. राज्यसभा में आज दिन भर की कार्यवाही के बारे में अपडेट रहने के लिए बनें रहें www.newsnationtv.com के साथ.
10 फीसदी EWS आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल पारित, पक्ष में पड़े 165 वोट, बिल के विरोध में पड़े 7 वोट
थावरचंद गहलोत सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा- जिन लोगों ने बिल का समर्थन दिया है उनका मैं बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. उस समय उच्च वर्ग के लोगों ने दलितों और पिछड़ों को आरक्षण देने का काम किया था. आज पिछड़े होते हुए भी नरेंद्र मोदी सवर्णों को आरक्षण दे रहे हैं.
मंत्री ने कहा, इस संविधान संशोधन विधेयक को अच्छे मकसद से लाया गया है मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी इस पर समर्थन दें.
नोमिनेटड सांसद राकेश सिन्हा ने कहा, यह विधेयक धर्म न्युट्रल है जो सभी धर्मों के गरीब तबकों तक पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि आज राज्यसभा में धर्म के आधार पर आरक्षण की मांग करके सपा (राम गोपाल यादव) और बसपा (सतीश चंद्र मिश्रा) के नेताओं ने सांप्रदायिक राजनीति करने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा, यह एक ऐतिहासिक क्षण है. अगर यह बिल पारित हो जाता है तो आने वाले दिनों में, आरएसएस जो 90 सालों में एक दलित को अपना प्रमुख नहीं बना पाई है, वो दलितों और पिछड़ों का आरक्षण को खत्म कर देगी.
Sanjay Singh, AAP in Rajya Sabha on #QuotaBill: This is a historic moment, if this bill is passed today, then in the coming days, RSS, which couldn’t make a single Dalit their chief in 90 years, will end the reservation for Dalits and backwards. pic.twitter.com/kXDntgoKyW
— ANI (@ANI) January 9, 2019
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, सरकार सवर्ण गरीबों को धोखा दे रही है. भारत की राजधानी दिल्ली है लेकिन बीजेपी की राजधानी कहां है यह पूरा देश जानता है और इस बिल का दस्तावेज वहीं से आया है. दलितों के आरक्षण को खत्म करने की सोच के साथ यह बिल आया है. उस (बीजेपी) राजधानी के प्रमुख बिहार में बोल चुके हैं कि आरक्षण को खत्म होना चाहिए.
राजा ने कहा कि सरकार हर बिजनेस हाउस का समर्थन करती है इसलिए निजी क्षेत्रों में आरक्षण का बिल लेकर आएं, हम उसका समर्थन करेंगे.
राजा ने कहा कि संविधान में सामाजिक पिछड़ेपन का प्रावधान है, कहीं भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान कहीं नहीं है. आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान सभा की चर्चा के खिलाफ है.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) सांसद डी राजा सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा- विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजी जानी चाहिए. इस तरह के राजनीति से प्रभावित विधेयक को हम कैसे पारित कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, सरकार की मंशा बिल्कुल ठीक नहीं है. चुनाव नजदीक आ गया है. महिला आरक्षण का क्या हो रहा है? लाए गए बिल को लेकर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह आरएसएस का एजेंडा है और धीरे-धीरे आरक्षण को खत्म किया जा रहा है. यह आरक्षण नहीं है यह इनका (बीजेपी का) आत्म संरक्षण (सेल्फ प्रीजर्वेशन) है.
कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा बोल रही हैं. उन्होंने कहा- कांग्रेस पार्टी समर्थन दे रही है और आप (बीजेपी) अपनी मंशा लोगों को दिखाएं. 50 फीसदी सीलिंग को आप कैसे तोड़ेंगे, आप संसद में स्क्रूटनी नहीं होने दे रहे हैं, स्टैंडिंग कमेटी में नहीं भेजा गया है इसका मतलब है कि आप संसद का अपमान कर रहे हैं.
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता प्रफुल्ल पटेल सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा, यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है इसे स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जाना चाहिए था. जब नौकरी नहीं होगा तो आरक्षण देने का क्या फायदा होगा. इस बिल के साथ कई असहमतियां हैं लेकिन हमारी पार्टी अभी इसका समर्थन कर रही है.
बसपा सांसद ने कहा- बीजेपी को 'हाथी' डराने लगी है, मायावती और अखिलेश की मुलाकात के कारण यह बिल लाया गया है. बिल पर समर्थन लेकिन सुधार की जरूरत है.
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा- अल्पसंख्यकों को अलग से आरक्षण दिया जाय. यह एक छलावा है. सरकार उच्च समुदाय के गरीब तबकों के साथ फ्रॉड कर रही है.
पासवान ने कहा कि पूरे 60 फीसदी आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में डाला जाय और निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण दिया जाय. उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को मिलकर इस बिल को पारित करवाना चाहिए और एक बार फिर एनडीए की सरकार बनाने में मदद करनी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया और यहां विरोध कर रहे हैं इससे कांग्रेस के स्टैंड का पता नहीं चलता है.
कपिल सिब्बल ने कहा- आरक्षण नहीं, नौकरियां चाहिए. इस सरकार के कार्यकाल में जितनी नौकरियां पैदा हुई, उससे कहीं ज्यादा नौकरियां चली गई. अगर 8 लाख कमाने वाला भी गरीब है तो इनकम टैक्स भी माफ हो.
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा- मंडल कमीशन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा असंवैधानिक घोषित हो गया. अगर 9 जज की बेंच इसे असंवैधानिक बता सकती है तो आप संविधान में कैसे संशोधन कर सकते हैं?
Kapil Sibal. Congress in Rajya Sabha on #QuotaBill: The Mandal Commission provision of 10% reservation for economically weaker category was declared unconstitutional by the Supreme Court. If a nine judge bench held it unconstitutional, how can you amend the constitution? pic.twitter.com/vEXizLiAWb
— ANI (@ANI) January 9, 2019
संविधान संशोधन बिल को 'अभी क्यों लाए' सवाल पर जवाब देते हुए प्रसाद ने कहा- क्रिकेट में स्लॉग ओवर (सीमित ओवरों के मैच में अंतिम ओवर्स) में छक्का लगता है, अगर आपको इसी पर परेशानी है तो ये पहला छक्का नहीं है, अभी और छक्के लगेंगे.
प्रसाद ने कहा- समर्थन करना है तो खुल कर कीजिए, लेकिन मत लगाइए. आज लोकसभा और राज्यसभा में इतिहास बन रहा है. ये बदलाव का दिन है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- क्या ये सच्चाई नहीं है कि अगड़े वर्ग (राजपूत और ब्राह्मण) के लोग मजदूर नहीं है. गांव में जाइए, अगड़े वर्ग के लोग रिक्शा चलाते हुए मिलेंगे.
प्रसाद ने कहा- 50 फीसदी की सीमा संविधान में नहीं है, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले में है. इस बिल से हम संविधान की दो अनुच्छेद में बदलाव की बात कर रहे हैं. इससे एससी/एसटी और ओबीसी के आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं हो रही है.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सदन में जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा- इस संविधान में सकारात्मक कदम उठाने का पहला विचार प्रस्तावना आता है. जिसमें लिखा गया है कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तौर पर न्याय की बात आती है.
कनिमोझी ने कहा, यह साफ है कि वर्षों तक पिछड़ों और एससी/एसटी के साथ अन्याय हुआ. अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा था कि जब यह बिल दोनों सदन में पारित हो जाएगा तो इसे राज्यों में भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वे यह कैसे कह सकते हैं यह सभी राज्यों को प्रभावित करेगा. मैं चाहती हूं कि इस बिल को सेलेक्ट समिति के पास भेजा जाय.
कनिमोझी ने कहा, हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी पहले संविधान संशोधन में सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण की बात कही थी, उन्होंने 'आर्थिक' शब्द को खारिज किया था.
उन्होंने कहा- आज भी जाति के कारण दलित समुदाय को अलग बर्तन में पानी पीना पड़ता है. तमिलनाडु में डीएमके सरकार ने मुस्लिमों के लिए 3.5 फीसदी आरक्षण की व्यवस्थी की थी.
सदन में डीएमके सांसद कनिमोझी बोल रही हैं. उन्होंने कहा- मैं इस बिल का पूरी तरीके से विरोध करती हूं.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा, हम एकमात्र दल हैं जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं. भाजपा पिछड़ा विरोधी और अनुसूचित जाति विरोधी पार्टी है.
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सांसद डॉ प्रकाश बांडा सदन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा- आजादी के 70 साल बाद भी हमारे पास पिछड़े वर्ग के लिए कोई मंत्रालय नहीं है.
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद वाई एस चौधरी 10 फीसदी EWS आरक्षण पर बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजना चाहिए. चुंकि अब समय नहीं है इसलिए बिना किसी शर्त के हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है.
जेडीयू सांसद ने कहा- देर ही आए हैं लेकिन दुरूस्त आए हैं, इस बिल में दम है. हमलोगों को बहुत ही ईमानदारी और निष्ठा के साथ इसे लागू करना चाहिए.
सदन में जेडी(यू) सांसद राम चन्द्र प्रसाद सिंह बोल रहे हैं, उन्होंने कहा- 10 फीसदी EWS आरक्षण को पूरा समर्थन
प्रसन्न ने कहा, जब तक हम जैसे लोगों में, राजनीतिक दलों की मानसिकता में सुधार नहीं होता है आरक्षण का कोई फायदा नहीं. उन्होंने कहा- नीति में भरोसा है, नियति में नहीं
सबरीमाला मंदिर पर प्रसन्न आचार्य ने कहा, हमें शर्म होनी चाहिए कि महिलाएं मंदिर जाती हैं तो हम उसका शुद्धिकरण करने लगते हैं
बीजेडी सांसद ने कहा- सदन में सभी की इच्छा है कि यह बिल पारित हो जाय, लेकिन जब यह अदालत में जाएगी तो सरकार का क्या स्टैंड होगा.
Derek O'Brien, TMC in Rajya Sabha on #QuotaBill: This bill is an acknowledgement of guilt, that we haven't created any jobs in last 4 & a half years. It redefines India's poverty line of Rs 32 a day, if we look at the number of Rs 8 lakhs a year, new poverty line is Rs 2100 a day pic.twitter.com/j3lCqPT0gB
— ANI (@ANI) January 9, 2019
सदन में बीजेडी सांसद प्रसन्न आचार्य बोल रहे हैं, कहा- बिल का विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है
सदन में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओ ब्रायन बोल रहे हैं, उन्होंने कहा- अगर रोजगार जीरो फीसदी है तो 10 फीसदी आरक्षण देने से जीरो ही रहेगा.
रामगोपाल बोले- सच्चर कमेटी ने कहा था- मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है, उनके लिए भी व्यवस्था की जाए
रामगोपाल यादव बोले- रेलवे में बड़े पैमाने पर भर्तियां होती थीं, अब भर्तियां ही नहीं हो रही है. नौकरी ही नहीं होगी तो आरक्षण का लाभ क्या होगा. प्रचार चाहे जितना कर लीजिए. मैं सरकार से मांग करता हूं कि 50 प्रतिशत के बैरियर को तोड़ ही दिया है तो ओबीसी को 54 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
रामगोपाल यादव बोले- निजी क्षेत्रों में या सरकारी क्षेत्रों में नौकरियां लगातार घट रही हैं, निजी क्षेत्र में तो आरक्षण है ही नहीं.
रामगोपाल यादव बोले- नौकरियां कम होती जा रही हैं, क्या उसमें रिजर्वेशन है, मंत्रियों के ड्राइवर भी आउटसोर्सिंग के हैं, क्या उसमें आरक्षण है. मेरा गला खराब है, मैं अधिक बोलूंगा नहीं. मैं चेयर के आदेश का पालन करूंगा. नौकरियों में आरक्षण महत्वपूर्ण नहीं है, एक झटके में सरकार ने नोटबंदी की तो बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हो गए.
रामगोपाल बोले- इतने साल बाद ग्रुप सी में एससी-एसटी का आरक्षण पूरा है, निजी संस्थाओं में रेडियो और टेलीविजन में एससी-एसटी में ओबीसी का प्रतिनिधित्व 3 प्रतिशत से अधिक नहीं है, 97 प्रतिशत एक ही कम्युनिटी के लोग हैं.
रामगोपाल बोले - देश में प्रोफेशनल पीआईएल दाखिल करने वालाें की कमी नहीं है, अगर यह मामला न्यायालय में गया तो दिक्कत होगी, सरकार की बुद्धि पर तरस आता है
रामगोपाल यादव बोले - आपकी तरफ बड़े वकील बैठे हुए हैं, सीधी बात को भी टेढ़ी कर सकते हैं और टेढ़ी बात को भी सीधी कर सकते हैं
अमित शाह ने बीच में इंटरप्ट किया- आप अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण लेकर आए थे, उससे ओबीसी को नुकसान नहीं होता क्या
रामगोपाल यादव ने कहा, 2 फीसद गरीब अगड़ों को 10 फीसद आरक्षण, 80 फीसद से अधिक ओबीसी को केवल 27 फीसद आरक्षण, यह कहां का न्याय है, कहां रह गई समता
रामगोपाल यादव बोले- सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसद आरक्षण की सीमा तय कर रखी है, जैसा कि आनंद शर्मा जी ने बताया कि बड़ी तादाद है ऐसे लोगों की जो सरकार के इस क्राइटेरिया में आते हैं,
रामगोपाल यादव- आनंद जी की बात जायज है कि जब सत्ता में आए थे तो इस बिल को कभी भी ला सकते थे, कोई रुपये खर्च तो हो नहीं रहे थे
आनंद शर्मा बोले- आप सोचते हैं कि पूरा देश आपके साथ खड़ा है, लेकिन आपने वादाखिलाफी करी है, इस विधेयक से किसानों का पेट नहीं भरेगा, आप सामाजिक न्याय की बात करते हैं, क्या आपके पास जवाब है- किसानों से तो वादा कर दिया, पर एमएसपी नहीं मिल रही, चाहे दाल की, गेहूं की धान की, सबमें कम मिल रहा है, क्या कारण है कि महिलाओं के लिए आरक्षण का बिल नहीं लाए, सिर्फ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से न्याय मिल जाएगा, आप लाते इसको कोई आलोचना नहीं होती, एक दिन और सत्र बढ़ाइए, महिला आरक्षण बिल लाइए, तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को तो न्याय मिल गया, बाकी महिलाओं को कब मिलेगा, आपने कहा था, अपने मेनफिेस्टो में, लाइए और वादा पूरा करिए, जाहिर है कांग्रेस पार्टी समर्थन करेगी, उसी तरह महिलाओं के लिए भी किया जाना चाहिए.
आनंद शर्मा बोले- एक दिन उस सदन में पास हो जाए, दूसरे दिन इस सदन में पास हो जाए, नौजवान तो हिसाब मांगेगा, केवल भोपाल, जयपुर, रायपुर, हैदराबाद के संदेश से प्रभावित होकर यह लाया गया है, सरकार राजनीति कर रही है, चुनाव में आपकी सेवा जो लोगों ने करी है, नहीं करती तो आप कभी न लाते, जनता न बोलती तो आप कभी न लाते
आनंद शर्मा बोले- क्या आप नहीं चाहते, आपकी सोच ऐसी है कि आपसे कोई सवाल न करे, आपके बड़ो शिरामणि लोगों ने, सरकार में भी रहे हैं और बड़े नेता हैं, उन्होंने आरक्षण की सोच का ही विरोध किया, पर देश में आरक्षण का स्वरूप कैसा होना चाहिए, यह सरकार के सामने चुनौती है, नौजवान देश का भविष्य है, उनके लिए हम सही से चर्चा करें.
आनंद शर्मा बोले- पहले आपने जो इसमें शर्तें लगाई हैं, 5 एकड़ जिसके पास जमीन है, 8 लाख रुपये आमदनी, वित्तमंत्री बैठे हैं, आप जरा डाटा दें कि इससे ऊपर की आमदनी कितनो के पास है, अगर मेरी जानकारी गलत है तो ज्ञान दें, डाटा देश के सामने रखें, 130 करोड़ की आबादी है, देश की चिंता क्या है, रोजगार नहीं बन रहा है, न सरकारी और न ही निजी, पिछले सप्ताह चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं, पिछले साल 10 करोड़ नौकरियां खत्म हो गईं. मैं चेता रहा हूं, यह अभी हकीकत है, चुनाव आचार संहिता से पहले आपको कुछ लाना था, दिखा दिया सपना, लेकिन नौकरियां हैं कहां, मैंने आंकड़े देखे, मंत्री महोदय आप से भी आग्रह है कि आंकड़ें रखें
आनंद शर्मा ः अभी तीन राज्यों में आपको आशीर्वाद मिला, आप 0-5 से सीरिज हार गए, कुछ महीनों की बात है, और बड़ा आशीर्वाद मिलेगा
आनंद शर्मा बोले-यह जो संविधान संशोधन विधेयक है, पहले से ही यह संविधान के अंदर रखा गया था, जो पिछड़े हैं, कमजोर हैं, उसी के तहत आरक्षण की व्यवस्था की गई, उससे बाहर जब आरक्षण की कोशिश की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया, कई राज्यों के सामने भी यह चुनौती आई थी, आप बहुत सोच-समझकर लाए हैं, लेकिन क्या बात है कि एकदम से इसे लाया गया.
आनंद शर्मा बोले- 2014 में बहुत सपने दिखाए गए थे, बहुत कुछ कहे गए थे, सबका साथ सबका विकास माननीय सदस्य ने कहा, यह अच्छी बात है, लेकिन अच्छे दिन कब आएंगे, इसका देश इंतजार कर रहा है, आपकी संवेदनशीलता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच, सदन में उनके दर्शन होते हैं, कई तरह की टोपी पहनते हैं, मैं भी हिमाचल की कई तरह की टोपी उन्हें भेंट कर देंगे
आनंद शर्मा बोले- यह दिखाना कि पहले कुछ नहीं था, यह गलत है, विचारधाराओं का विरोध हो सकता है, इस देश केा बनाने में जिनलोगों का योगदान था, यह नहीं कहना चाहिए कि पहले कुछ नहीं हुआ था
आनंद शर्मा ने कहा, सदन के अंदर सरकार की तरफ से संविधान संशोधन का प्रस्ताव आया है, माननीय मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य क्या है, यह भी बताया गया कि जो अगड़ी जातियां हैं उनके भी गरीब लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. प्रश्न यह है कि पहले देश में आरक्षण का इतिहास क्या है, यह जानना भी जरूरी है, हमारी संविधान सभा ने विस्तार से चर्चा करी थी, जिन लोगों के साथ अन्याय हुआ है, सामाजिक न्याय नहीं मिला, उन्हें संरक्षण की जरूरत है, तभी आरक्षण की व्यवस्था शुरू हुई, मैं यह बताना चाहता हूं कि 23 दिसंबर 1946 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन रखा था, उन्होंने कहा था- आजाद भारत में क्या होना चाहिए
प्रभात झा ने कहा, महोदय, मैं इतना ही कहता हूं, क्या इस सरकार ने कोई अच्छा काम नहीं किया, कांग्रेस के मित्रों आज तो दिल खोलकर दिखा दो कि भारतीय राजनीति संकीर्ण नहीं है, क्या नरेंद्र मोदी जी को ही इसका लाभ मिलेगा, यह सबका साथ और सबका विकास जो स्लोगन बना है, एक नारा बना है तो इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को जाता है, अटल जी ने कहा था- छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता, करोड़ों लोग देख रहे होंगे, लोकसभा में सभी दलों ने इसे पास कराया, सारे लोग इस विधेयक के साथ राजनीतिक भावना को दरकिनार कर इसे पास कराने में मदद करें, दीये को अगर प्रधानमंत्री ने जलाया है तो उसके उजाले में भारत के युवाओं को आने दीजिए
प्रभात झा बोले- यह भारत के युवाओं की आवाज है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आवाज दी है, किसने किया, किसने नहीं किया, इसमें हम पड़ना नहीं चाहते, जब लगभग हर भारतीय को इसका लाभ मिलेगा, 95 फीसद आबादी की आवाज है ये, क्या उनकी आवाज नहीं सुननी चाहिए, अच्छी बात को अच्छे रूप में स्वीकार करनी चाहिए, लगभग 95 फीसद आबादी इस दायरे में आती है तो क्या सदन को इस पर विचार नहीं करना चाहिए, मैं नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने यह काम किया है, अगर यह लागू होता है तो केवल 5 फीसद परिवार ही इससे बाहर होंगे
प्रभात झा - तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने भी इस तरह का प्रावधान किया था पर संविधान संशोधन न होने से उसे निरस्त कर दिया गयाथा. ग्
प्रभात झा - यह अधिकार मौलिक अधिकार से संबंधित है, भाग 3 में संशोधन के लिए राज्यों में जाने की जरूरत नहीं है, जब संविधान की धारा 5 के तहत प्रमोशन में आरक्षण का क्लॉज जोड़ा गया तो राज्यों में विधेयक नहीं भेजा गया था
प्रभात झा- आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान संविधान निर्माताओं की भावना थी, संविधान में कहा गया है कि बिना भेदभाव के रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे
प्रभात झा बोले- मैं निवेदन करना चाहता हूं कि यह विधेयक सदन की भावना है, सभी चाहते हैं कि यह विधेयक पारित हो, करोड़ों युवाओं का सवाल है
प्रभात झा ने कहा, आज भारत में देश का पहला प्रधानमंत्री है जिन्होंने आप सभी के मेनफिेस्टो का कद्र करते हुए यह कदम उठाया
प्रभात झा बोले- आज अपना-अपना घोषणापत्र निकालिए, भारत के सभी दलों के मेनफिेस्टो में लिखा हुआ है कि आर्थिक रूप से टूटे हुए लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.
मैं फिर कहना चाहता हूं कि जब यह विधेयक आया तो सब अवाक रह गए, आपको राफेल के सिवा कुछ नहीं दिखता, एक शेर सुनिए, एक छोटा बच्चा बार बार कहता था- मुझे हाथी पर चढ़ा दो, हाथी को बुलाया गया, हाथी ने पहला पैर जैसे ही उठाया, बच्चे को उठा लिया गया. राहुल गांधी इस विधेयक पर क्यों नहीं बोलते.
मैं बधाई देना चाहता हूं चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री का जो अगड़े समाज की चिंता करते हैं. पिछड़ों के लिए काम करते हैं ः प्रभात झा
प्रभात झा ने कहा, कल यह विधेयक लोकसभा से पारित हुआ, सभी दलों ने एक स्वर में इस विधेयक का साथ दिया, लोकसभा की भावना को राज्यसभा में सुनेगी, इसकी अपेक्षा है, मई का महीना था और 2014 का साल, तब पीएम मोदी ने कहा था, मेरी सरकार गरीबों के लिए काम करेगी. साढ़े 4 साल लगातार गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार का नाम है नरेंद्र मोदी सरकार, महोदय परसों जब कैबिनेट में यह पास हुआ, हम सदन में आए तो पत्रकारों ने घेरा तो हर पत्रकारों के चेहरे पर उल्लास का भाव था
असम ही नहीं, पूर्वोत्तर के जनता की भावना के संरक्षण के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे: राजनाथ सिंह
नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों के लोगों की आइडेंडिटी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उसके लिए सारे उपाय करेंगे: राजनाथ सिंह
CPI(M) Rajya Sabha MP TK Rangarajan moves an amendment in The Constitution (124th Amendment) Bill, 2019
— ANI (@ANI) January 9, 2019
सामान्य वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाले संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा फिर शुरू
थावरचंद गहलोत ने कहा, इस बिल को जल्दबाजी में नहीं लाया गया है. हम इसे अच्छी तरह से सोच समझकर और अच्छे इरादे के साथ लेकर आए हैं. इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी शिकायत रहती थी कि क्या सामान्य वर्ग में पैदा होना गुनाह है. मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस बिल से एससी/एसटी या पिछड़े वर्ग के लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा. इसके द्वारा हम सामान्य वर्ग के गरीबों की मदद करना चाहते हैं. इस बिल के आने से समाज में समरसता बढ़ेगी। इस बिल को हम पूरे नेक इरादे से लेकर आए हैं. मैं इस बिल को पास करने का अनुरोध करता हूं.
RJD सांसद मनोज झा ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे मध्यरात्रि की डकैती तक कह डाला. मनोज झा ने कहा कि इस बिल से ओबीसी वर्ग के लोगों के आरक्षण को खाने की कोशिश हो रही है.
स्थगित होने से पहले मध्य प्रदेश से बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा, यह एक ऐतिहासिक बिल है. हमारे समय में लोग कहते थे कि कब सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण मिलेगा? लेकिन हमारे नेता नरेन्द्र मोदी ने लोगों की भावनाओं को समझा. कांग्रेस ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया लेकिन राज्यसभा में इसका विरोध करके दोहरा आचरण अपना रही है.
स्थगित होने से पहले मध्य प्रदेश से बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा, यह एक ऐतिहासिक बिल है. हमारे समय में लोग कहते थे कि कब सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण मिलेगा? लेकिन हमारे नेता नरेन्द्र मोदी ने लोगों की भावनाओं को समझा. कांग्रेस ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया लेकिन राज्यसभा में इसका विरोध करके दोहरा आचरण अपना रही है.
Rajya Sabha adjourned till 2pm after uproar over general category quota bill. pic.twitter.com/F4ka4lUc5l
— ANI (@ANI) January 9, 2019
राष्ट्रीय जनता दल बिल का विरोध कर रही है, जबकि कांग्रेस के सदस्य सदन का सत्र बढ़ाने के विरोध में हंगामा कर रहे हैं.
सामान्य वर्ग को आरक्षण बिल पर राज्यसभा में 8 घंटे चर्चा होगी, दोपहर 2 बजे तक स्थागित हुई राज्य सभा
सामाजिक आधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने कहा, यह बिल देश के गरीबों के कलायाण के लिए बहुत जरूरी है. समुचित विचार-विमर्श के बाद ही यह बिल लाया गया है. मंत्री के संबोधन के दौरान ही विपक्ष के कुछ सदस्य वेल में आ गए और हंगामा करने लगे.
Union Minister Thawar Chand Gehlot on 10% quota bill in Rajya Sabha: This bill will uplift the poor of the nation. This decision has been taken with thorough consideration; Opposition comes into the well of the House as the minister speaks on the Bill. pic.twitter.com/THZVUmiicZ
— ANI (@ANI) January 9, 2019
राज्यसभा में हंगामा जारी है, विपक्ष का आरोप है कि सदन का सत्र बढ़ाए जाने के लिए सरकार ने विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया.
Uproar by opposition in Rajya Sabha as the 10% quota bill is tabled. #Parliament pic.twitter.com/9LVqJT3jrS
— ANI (@ANI) January 9, 2019
Rajya Sabha Winter Session | Jan 9, 2019 | Time: 11:00 to 11:34: https://t.co/fk3kH9dBFG via @YouTube
— Rajya Sabha TV (@rajyasabhatv) January 9, 2019
Uproar in Rajya Sabha as opposition objects to extension of House session. pic.twitter.com/j1gH8Y6d75
— ANI (@ANI) January 9, 2019
Union Minister Thawar Chand Gehlot tables the 10% quota bill in Rajya Sabha pic.twitter.com/v6d2KlaUCM
— ANI (@ANI) January 9, 2019
राज्यसभा में सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया है. सामाजिक आधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने बिल पेश किया.
आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने दिया सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को समर्थन देने का ऐलान
राज्यसभा में फिलहाल राफेल मामले पर बहस चल रही है. हंगामे के बीच अरुण जेटली सरकार की ओर से जवाब दे रहे हैं. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, राफेल पर सरकार ने चर्चा नहीं कराया, सत्र के अंतिम दिन सरकार इस पर जवाब दे रही है.
संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा, सरकार राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन और बढ़ाना चाहती है, क्योंक सदन के सामने कई महत्वपूर्ण बिल पेंडिंग है.
Minister of State for Parliamentary Affairs Vijay Goel in Rajya Sabha: The government wants to extend the functioning of the House by a day as there are important bills to be passed. pic.twitter.com/lsQOh3lnzn
— ANI (@ANI) January 9, 2019
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