कोविड पीड़ित गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती से इंकार, तेलंगाना सरकार को नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक गर्भवती आदिवासी महिला को उस समय वापस लौटा दिया गया जब वह डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल आई थी. जब डॉक्टरों ने उसे COVID पॉजिटिव पाया तो उसे वापस लौटा दिया गया.
highlights
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले में सरकार को नोटिस भेजा
- अस्पताल के गेट के बाहर महिला को जन्म देने के लिए होना पड़ा मजबूर
- आयोग ने सात दिनों के भीतर आरोपों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा
हैदराबाद:
Denying Admission To Pregnant Woman : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने एक गर्भवती आदिवासी महिला को COVID-19 पॉजिटिव होने के कारण कथित तौर पर प्रवेश से इनकार करने के लिए तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी किया है. अस्पताल के गेट पर महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. 1 फरवरी को जारी एक नोटिस में एनसीएसटी ने राज्य को नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर आरोपों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा. आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 ए के तहत मामले की जांच करने का निर्णय लिया है. एनसीएसटी ने चेतावनी दी कि अगर उसे निर्धारित समय के भीतर जवाब नहीं मिलता है, तो वह आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि द्वारा पेश होने के लिए समन जारी कर सकता है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक गर्भवती आदिवासी महिला को उस समय वापस लौटा दिया गया जब वह डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल आई थी. जब डॉक्टरों ने उसे COVID पॉजिटिव पाया तो उसे वापस लौटा दिया गया. उसके परिवार को अस्पताल के बाहर इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा जहां महिला ने अपनी बहनों की सहायता से खुले में बच्चे को जन्म दिया. आयोग ने कहा कि इस घटना के संबंध में सभी तथ्य और अन्य जानकारी एक सप्ताह के भीतर आयोग के कार्यालय में पहुंच जानी चाहिए.
आयुक्त वैद्य विधान परिषद ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. कृष्णा और ड्यूटी पर तैनात डॉ. हरि बाबू को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं. साथ ही स्वास्थ्य निदेशक को दोनों डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है. जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. नागरकुरनूल को विस्तृत जांच करने को कहा गया है और एक रिपोर्ट जमा करने का भी आदेश दिया गया है. आयुक्त ने कहा, घटना घोर कृत्य है और यह पूरी तरह संबंधित कर्मचारियों द्वारा लापरवाही और नियमों का उल्लंघन है.
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