नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों को मिला कन्हैया का साथ, पहुंचे जामिया
कन्हैया शाम करीब साढ़े पांच बजे जामिया के अब्दुल कलाम आजाद गेट पर पहुंचे, जहां पहले से बड़ी संख्या में जामिया के अलावा कई अन्य कॉलेजों, स्कूलों से आए छात्र उनका इंतजार कर रहे थे.
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता कन्हैया कुमार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने बुधवार को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. कन्हैया ने नागरिकता कानून को काला कानून करार दिया और यहां छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, प्रदर्शन और आंदोलन करना प्रत्येक छात्र का अधिकार है, लेकिन यह शांतिपूर्ण ठंग से किया जाना चाहिए, अन्यथा इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है.
कन्हैया शाम करीब साढ़े पांच बजे जामिया के अब्दुल कलाम आजाद गेट पर पहुंचे, जहां पहले से बड़ी संख्या में जामिया के अलावा कई अन्य कॉलेजों, स्कूलों से आए छात्र उनका इंतजार कर रहे थे. यहां पहुंचने पर कन्हैया ने छात्रों के साथ जमकर नारेबाजी की. खुद कन्हैया ने आजादी के नारे लगवाए. कन्हैया ने कहा, इस कानून का विरोध केवल किसी एक वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं है. बल्कि भारत के सभी वर्ग एवं समुदाय के लोग इस कानून के खिलाफ हैं.
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हालांकि, इस दौरान कन्हैया ने छात्रों से अपील की कि वे सरकार का विरोध करें, लेकिन इस विरोध के बीच सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं. कन्हैया ने कहा कि यदि छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ तो इस विरोध का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. पूर्व जेएनयू अध्यक्ष ने कहा, अपने इस विरोध प्रदर्शन को किसी भी स्तर पर हिंसक न होने दें. हमारी लड़ाई सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ है, सरकारी या गैर-सरकारी संपत्ति से नहीं. संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक बात नहीं है. हमें चाहिए कि हम शांतिपूर्वक सरकार का विरोध करें. कन्हैया ने कहा कि वह इस कानून का विरोध कर रहे जामिया छात्रों के साथ हैं.
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