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'शरीयत में दखल नहीं करेंगे बर्दाश्त, ये हमारे वजूद का सवाल है'

Jamiat Ulama-e-Hind General Meeting: देश मंदिर-मस्जिद और रात दिन हिंदू-मुसलमान की बहस के बीच देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का सम्मेलन चल रहा है. यह सम्मेलन रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा.  

Updated on: 29 May 2022, 02:40 PM

highlights

  • जमीयत के सम्मेलन में बोले मौलाना महमूद मदनी
  • विचारधारा पर किसी भी हाल में नहीं होगी समझौता 
  • देश की सुरक्षा लिए जान देना सौभाग्य की बात 

नई दिल्ली:

Jamiat Ulama-e-Hind General Meeting: देश मंदिर-मस्जिद और रात दिन हिंदू-मुसलमान की बहस के बीच देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का सम्मेलन चल रहा है. यह सम्मेलन रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा.  इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से कई तरह के प्रस्ताव पास किए गए. इन प्रस्तावों में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह जैसे सरगर्म मुद्दे भी शामिल हैं. सम्मेलन के दूसरे दिन जमीयत के सचिव मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) ने साफ लहजे में कहा कि  हर चीज पर समझौता हो सकता है, लेकिन विचारधारा पर समझौता नहीं हो सकता है. इसके साथ ही मदनी ने कहा कि शरीयत में दखल को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह हमारे वजूद का सवाल है.

मुल्क की हिफाजत के लिए जान देना सौभाग्य की बात
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौलाना महमूद मदनी ने साफ लफ्जों में कहा कि इस वक्त हमें पहले मुल्क बचाना है. यही वजह है कि हम मुल्क की बात पहले कर रहे हैं. इस मौके पर उन्होंने मुसलमानों को बदनाम करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे भी कुछ लोगों के पेट में दर्द होता है. उन्होंने ऐसी सोच रखने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वो करें तो राष्ट्रवाद और अगर ये बात करेंगे तो उसे दिखावा कहा जाता है. देश के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि अगर इस देश की सुरक्षा लिए हमारी जान जाएगी तो इससे बड़े सौभाग्य की बात हमारे लिए कुछ भी होगी. 

हम पर डराने है गलत इल्जाम
मदनी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम गैर नहीं हैं, हम भी इस मुल्क के हैं. ये हमारा भी मुल्क है. हम अपने मुल्क के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. हमारी तहजीब, खाने-पीने के तरीके अलग हैं. इस मौके पर नहले पर दहला मारते हुए मदनी ने कहा कि अगर तुमको हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो तुम कहीं और चले जाओ. वो जरा-जरा सी बात पर कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ. हमें तो मौका मिला था, लेकिन हमने उसे रिजेक्ट कर दिया. इसके बाद मदनी ने कहा कि हमारे लहजे में इन्हें नफरत कहां से नजर आ रही है. हम डरते नहीं हैं.आप डराने का काम करते हैं.

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कार्यकर्ताओं से अपना काम जारी रखने की अपील
इस मौके पर मदनी जमीयत के सभी कार्यकर्ताओं से अपने काम को बदस्तूर करते रहने की अपील की. मदनी ने कहा कि हमने ऋषिकेश से लेकर दिल्ली तक हजारों पेड़ लगाए थे. हमारी तरफ से मंदिरों, मस्जिदों और स्कूलों में बड़े पैमाने पर पेड़ लगाए गए थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें इस बरसात में भी ऐसा ही अभियान चलाना है. मदनी ने कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ बोलते हैं, उन्हें बोलने दो. जो लिखते हैं उन्हें लिखने दो. उन्होंने कहा कि लोग बोलेंगे, लिखेंगे... लेकिन इसकी परवाह बिल्कुल न करें.