India-Maldives Trade: भारत की नाराजगी क्यों मोल नहीं ले सकता मालदीव? ये है सबसे बड़ा कारण
India-Maldives Trade: व्यापार की बात करें तो भारत और मालदीव के बीच पिछले साल 500 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था. साल 2023 में भारत ने मालदीव को जहां 41.02 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट किया था.
New Delhi:
India-Maldives Trade: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप जाने के बाद से शुरू हुआ विवाद मालदीव के लिए भारी पड़ सकता है. जिस तरह से भारतीय लगातार मालदीव बॉयकॉट कैंपेन चला रहे हैं और मालदीव में अपनी होटल बुकिंग व फ्लाइट टिकटों को कैंसिल कर रहे हैं वो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं है. मालदीव की 30 प्रतिशत अर्थव्यवस्था और 60 प्रतिशत विदेशी मुद्रा भंडार पर्यटन पर निर्भर है. ऐसे में भारत जैसे बड़े देश और मार्केट से रिश्ते खराब करना मालदीव की अर्थव्यवस्था को बर्बादी की राह पर ले जा सकता है. वैसे भी मालदीव भारत का एक भरोसे मंद पड़ोसी देश है. भारत का विरोध करना किसी भी तरह से मालदीव के अनुकूल नहीं होगा.
पिछले साल 500 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ
व्यापार की बात करें तो भारत और मालदीव के बीच पिछले साल 500 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था. साल 2023 में भारत ने मालदीव को जहां 41.02 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट किया था. जबकि इस दौरान 61.9 लाख डॉलर का इंपोर्ट किया गया था. इसी तरह से साल 2022 में भारत से मालदीव को एक्सपोर्ट का आंकड़ा 49.54 करोड़ डॉलर था तो आयात 61.9 लाख डॉलर का किया गया था. यही नहीं तीन दशक पहले भारत और मालदीव के बीच एक ट्रेड एग्रीमेंट भी हुआ था. इस एग्रीमेंट के तहत मालदीव भारत से अति-आवश्यक चीजें इंपोर्ट करता है, जो दूसरे देश निर्यात नहीं करते. इसके साथ ही भारत मालदीव के बुनियादे ढांचे पर भी काफी पैसा खर्च कर रहा है. मालदीव में भारत की कई परियोजनाएं भी चल रही हैं.
मालदीव भारतीयों का पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट
पर्यटन के लिहाज से देखें तो मालदीव भारतीयों का पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल दो लाख से ज्यादा भारतीय मालदीव घूमने गए थे. इससे पहले साल 2022 में 2.41 लाख और साल 2021 में 2.91 लाख भारतीयों ने मालदीव एक्सप्लोर किया था. यहां तक कि कोरोनाकाल में भी 63 हजार भारतीय मालदीव घूमने पहुंचे थे. पर्टयन से होने वाले राजस्व की बात करें तो मालदीव को 2021 में लगभग 3.49 बिलियन यूएस डॉलर का रेवेन्यू मिला था. ऐसे में भलीभांति अंदाजा लगाया जा सकता है कि मालदीव के लिए पर्यटन और पर्यटन के लिए भारत कितना जरूरी है.
दिल्ली के भी 5वां हिस्से के बराबर मालदीव
क्षेत्रफल और आबादी की बात करें तो मालदीव हिंद महासागर के द्वीप पर स्थित एक छोटा सा देश है. यह 112 छोटे-बड़े द्वीपों पर बसा है. यहां की 98 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. जबकि 2 प्रतिशत में अन्य धर्म के लोग शामिल हैं. क्षेत्रफल के लिहाज से यह भारत की राजधानी दिल्ली के भी 5वां हिस्से के बराबर है. मालदीव का कुल क्षेत्रफल केवल 300 वर्ग किलोमीटर है.
रोजमर्रा की चीजों के लिए भारत पर निर्भर
मालदीव भारत से चावल, आटा, मसाले, फल-सब्जियां, अंडे और चीनी के अलावा सीमेंट, रॉक बोल्डर, रडार इंस्ट्रूमेंट, इंजीनियरिंग टूल्स व फार्मास्यूटिकल्स जैसी चीजें आयात करता है. एक तरह से देखा जाए तो मालदीव पूरी तरह से भारत पर निर्भर देश है. ऐसे में भारत की नाराजगी मोल लेने से मालदीव में खाने के लाले तक पड़ सकते हैं.
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