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लोगों के कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी पर हाईकोर्ट सख्त, लिया जाएगा एक्शन

बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत बिना किसी पक्षपात और डर के लोगों को न्याय देने के लिए काम करती है और ये एक ऑटोनोमस बॉडी है यही सच है.

Updated on: 03 Apr 2024, 08:38 PM

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Court Proceedings: पिछले कुछ दिनों से देख जा रहा है कि लोग कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए उस पर गलत टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पर नजर आते रहते हैं. इसी को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा बयान सामने आया है. कोर्टा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि लोग द्वारा न्यायालय और वकीलों के खिलाफ कुछ ही बाते करने लगते हैं जो कई बार अपमानजनक हो जाता है. हाईकोर्ट ने कहा कि कुछ लोगों के दिनचर्या में शुमार हो गया है जजों और वकीलों के खिलाफ बोलना उन्हें भला बुरा कहना. आपको बता दें कि छ्त्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ये सभी बातें एक सुनवाई के दौरान की है.

जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच ने बात करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है मानों जजों को बुरा कहना कुछ लोगों का डेली का काम हो गया है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए ऐसे लोगों को कहा कि अगर वो ऐसी भाषा का उपयोग करना जारी रखते हैं, अगर वो ऐसा करने से बाज नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

अदालत के अधिकार के खिलाफ

बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत बिना किसी पक्षपात और डर के लोगों को न्याय देने के लिए काम करती है और ये एक ऑटोनोमस बॉडी है यही सच है. अदालत ने कहा कि ऐसा लगा रहा है कि कुछ जजों और वकीलों के खिलाफ लिखना और बोलना कुछ लोगों के लिए रोज का काम हो गया है. ये सभी बातें कोर्ट के स्पेशल स्टेटस और राइट्स को कम दिखाने की कोशिश की है. ये लोकतंत्र के काम करने के खिलाफ है जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है. 

सीमा के अंदर होना चाहिए

अदालत ने कहा कि लोकतंत्र में कोर्ट के फैसले पर संतुलित आलोचना की जा सकती है चाहें  वो कड़ी ही क्यों न हो. वो कार्रवाई के दायरे में नहीं आता है. लेकिन कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोर्ट का सम्मान न करना, बेहिसाब गलत बातें करना ये सब सीमा के अंदर होना चाहिए.  लेकिन कोई अगर लिमिट पार करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.